India News (इंडिया न्यूज), Shani ki Mahadasha: शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है और शनिवार का दिन उन्हें अत्यंत प्रिय होता है। इस दिन विशेष रूप से शनिदेव की पूजा और व्रत किए जाते हैं। शनिदेव के प्रति श्रद्धा और भक्ति रखने से जीवन में होने वाली परेशानियों का निवारण हो सकता है। इसके साथ ही, सही मार्ग पर चलने से व्यक्ति को करियर और व्यापार में सफलता भी प्राप्त होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनिदेव के शुभ या अशुभ प्रभाव का जीवन पर गहरा असर पड़ता है, और वे अपने अनुयायियों को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। आइए, शनि की महादशा के बारे में अधिक जानें और जानें कि शनिदेव को कैसे प्रसन्न किया जा सकता है।


शनि की महादशा क्या होती है?

शनि की महादशा एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना होती है, जो किसी व्यक्ति के जीवन में लगभग 19 वर्षों तक चलती है। इसके दौरान शनि ग्रह के प्रभाव के कारण व्यक्ति के जीवन में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। शनि की महादशा के दौरान व्यक्ति को कर्मों का फल मिलता है, और यह समय जीवन में अच्छे या बुरे दोनों परिणाम ला सकता है।

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि की महादशा में व्यक्ति के कर्मों का प्रभाव अधिक होता है। अच्छे कर्म करने वाले को सफलता और समृद्धि मिलती है, जबकि बुरे कर्म करने वालों को कष्ट और परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शनि की महादशा में व्यक्ति को अधिक ध्यान देने और अपने कार्यों को सही दिशा में लगाने की आवश्यकता होती है, ताकि अच्छे फल मिल सकें।

इसके अलावा, शनि की ढैय्या (लगभग 2.5 वर्ष) और साढ़ेसाती (लगभग 7.5 वर्ष) भी होती है, जो व्यक्ति के जीवन में शनि के कड़े प्रभाव को दर्शाती हैं। इन समयों में विशेष रूप से सतर्क रहने और शुभ कार्यों में संलग्न रहने की आवश्यकता होती है।

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शनिदेव को कैसे प्रसन्न करें?

1. भगवान शिव या भगवान कृष्ण की पूजा करें: शनिदेव के आराध्य देव भगवान शिव और भगवान कृष्ण माने जाते हैं। शनि की महादशा के दौरान इन देवताओं की पूजा करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है। विशेष रूप से, सोमवार और शनिवार के दिन भगवान शिव की पूजा करें।

2. काले तिल और गंगाजल से अभिषेक करें: शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए काले तिल और गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करें। यह उपाय विशेष रूप से सोमवार और शनिवार को किया जाता है, और इससे शनि के कष्ट दूर हो सकते हैं।

3. हनुमान जी की पूजा: शनिदेव को प्रसन्न करने का एक अन्य प्रभावी उपाय हनुमान जी की पूजा है। हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें। यह उपाय शनि के नकारात्मक प्रभाव को कम करने में मदद करता है।

4. पीपल के पेड़ की पूजा: शनिवार के दिन स्नान और ध्यान के बाद पीपल के पेड़ में जल अर्पित करें और उसकी परिक्रमा करें। पीपल को शनि का प्रिय पेड़ माना जाता है, और यह उपाय शनि की महादशा के दौरान विशेष रूप से लाभकारी होता है।

5. सरसों तेल का अर्पण: शनिवार के दिन सरसों तेल का अर्पण शनिदेव को करें। यह उपाय शनिदेव की कृपा पाने और उनके कष्टों से मुक्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

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6. दान करें: शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन कुछ विशेष चीजों का दान किया जाता है। इनमें शामिल हैं:

  • काले तिल
  • उड़द की दाल
  • छाता
  • कंबल
  • चमड़े के चप्पल और जूते

इन चीजों का दान करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति का वास होता है।

शनिदेव के न्याय और कर्मों के अनुसार फल देने की प्रकृति को समझते हुए, शनि की महादशा के दौरान सावधानी और सकारात्मक कार्यों को बढ़ावा देना अत्यंत आवश्यक है। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उपर्युक्त उपायों को अपनाना फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके साथ ही, व्यक्ति को अपने कार्यों में सतर्क रहकर सही दिशा में प्रयास करना चाहिए ताकि शनि के शुभ प्रभाव से जीवन में सफलता प्राप्त हो सके।

यदि शनि की महादशा या शनि के अन्य दुष्प्रभावों से परेशान हैं, तो यह उपाय आपके जीवन को बेहतर बना सकते हैं और शनि के अशुभ प्रभाव को कम कर सकते हैं।

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