India News (इंडिया न्यूज), Transit of Saturn and Sun 2025: वैदिक ज्योतिष के अनुसार, शनि और सूर्य ग्रहों का गोचर हर राशि के जीवन में गहरी छाप छोड़ता है। 29 मार्च 2025 को शनि देव ने कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश किया, जिससे मकर राशि पर चल रही शनि की साढ़ेसाती समाप्त हो गई। हालांकि, इसके बावजूद मकर राशि के जातकों को द्वितीय भाव में शनि के प्रभाव के कारण कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, आगामी 14 अप्रैल 2025 को सूर्य देव मेष राशि में गोचर करेंगे, जिससे मकर राशि के पारिवारिक जीवन में सुधार की संभावना है। आइए इन परिवर्तनों के संभावित प्रभावों को विस्तार से समझते हैं।

शनि का मीन राशि में गोचर

शनि के मीन राशि में गोचर से मकर राशि के जातकों के जीवन में निम्नलिखित प्रभाव पड़ सकते हैं:

  1. पारिवारिक जीवन में अशांति: – द्वितीय भाव में शनि के प्रभाव से घर का माहौल तनावपूर्ण रह सकता है। – परिवार के सदस्यों के बीच झगड़े और मनमुटाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। – भाई-बहनों से संबंध खराब होने की आशंका है।
  2. स्वभाव में परिवर्तन: – शनि के इस गोचर के कारण कई जातकों का व्यवहार उग्र और चिड़चिड़ा हो सकता है। – इस कारण घर में तनाव और बढ़ सकता है।
  3. स्वास्थ्य पर प्रभाव: – माता-पिता के स्वास्थ्य में गिरावट आने की संभावना है। – परिवार के अन्य सदस्यों की सेहत पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

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सूर्य का मेष राशि में गोचर

14 अप्रैल 2025 को सूर्य देव के मेष राशि में प्रवेश से मकर राशि के जातकों को निम्नलिखित लाभ मिल सकते हैं:

  1. पारिवारिक जीवन में सुधार: – सूर्य के गोचर से पारिवारिक जीवन में शांति लौटने की संभावना है। – घर के सदस्यों के बीच सौहार्द और सहयोग बढ़ेगा।
  2. आत्मविश्वास में वृद्धि: – सूर्य का प्रभाव जातकों के आत्मविश्वास को बढ़ाएगा। – वे पारिवारिक समस्याओं को सुलझाने में सक्षम होंगे।
  3. स्वास्थ्य में सुधार: – माता-पिता के स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिलेगा। – खुद का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य भी बेहतर होगा।

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उपाय और सावधानियां

मकर राशि के जातक शनि और सूर्य के इन प्रभावों को ध्यान में रखते हुए निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं:

  1. शनि से संबंधित उपाय: – हर शनिवार को शनि देव की पूजा करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं। – जरूरतमंदों को काले तिल, उड़द, और लोहे का दान करें।
  2. सूर्य से संबंधित उपाय: – प्रतिदिन सूर्योदय के समय सूर्य देव को जल अर्पित करें। – आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
  3. पारिवारिक शांति के लिए: – घर में नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करें। – परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताएं और उनकी समस्याओं को समझें।

शनि और सूर्य के गोचर का प्रभाव मकर राशि के जातकों के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर पड़ेगा। जहां शनि का गोचर कुछ कठिनाइयां लाएगा, वहीं सूर्य का गोचर इन समस्याओं को हल करने में मदद करेगा। ज्योतिषीय उपायों और संयमित व्यवहार से मकर राशि के जातक इन परिवर्तनों का सामना कर सकते हैं और अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं।

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