India News (इंडिया न्यूज), Shree Krishna Enemy Abhimanyu: ऐसा माना जाता है कि श्री कृष्ण ने कुछ शत्रुओं को बल से तो कुछ को छल से परास्त किया था। लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इन शत्रुओं में से एक कोई और नहीं बल्कि अर्जुन का पुत्र अभिमन्यु था। यह वही अभिमन्यु है जिसे कौरवों ने छल से चक्रव्यूह में फंसाकर मार डाला था। अभिमन्यु ने मृत्यु के बाद कृष्ण भक्ति प्राप्त की। हालांकि महाभारत के एक श्लोक में लिखा है कि अभिमन्यु भी भगवान कृष्ण का बहुत बड़ा शत्रु था, जिसे कृष्ण ने छल से मार दिया था।

महाभारत के अनुसार अभिमन्यु चंद्र देव का पुत्र था। अपने पुत्र प्रेम के कारण चंद्र देव नहीं चाहते थे कि उनका पुत्र धरती पर जन्म ले। लेकिन श्री कृष्ण के आदेश पर उनके पुत्र को धरती पर जन्म लेना पड़ा। चंद्र देव ने मन से कृष्ण की आज्ञा का पालन नहीं किया।

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दुष्ट राक्षस के रूप में जन्म

यही कारण था कि उनका पुत्र सबसे पहले धरती पर एक दुष्ट राक्षस के रूप में जन्मा जो म्लेच्छ देश का राजा कालयवन था। कालयवन के अत्याचारों से मथुरा और पूरा ब्रह्मांड थर्रा उठा था। तब श्री कृष्ण ने कालयवन को मारने का निर्णय लिया। इसके बाद जब कालयवन ने जरासंध के साथ मिलकर मथुरा पर आक्रमण किया तो श्री कृष्ण ने एक चतुर योजना बनाई। श्री कृष्ण ने छल से महाराज मुचकुंद के हाथों कालयवन को मरवा दिया। मृत्यु के बाद कालयवन पुनः चंद्रलोक पहुंच गया।

कृष्ण से मांगी क्षमा

चंद्र देव को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने कृष्ण से क्षमा मांगी तथा उनसे धरती पर पुनः अपने पुत्र को जन्म देने का अनुरोध किया।तब श्री कृष्ण ने चंद्र देव के पुत्र को अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु के रूप में जन्म लेने और अत्यंत शक्तिशाली होने का आशीर्वाद दिया। इस तरह अभिमन्यु अपने पूर्व जन्म में श्री कृष्ण का सबसे बड़ा शत्रु था।

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