India News (इंडिया न्यूज), Shri Mahavirji’s Kheda: भारत एक धार्मिक और आध्यात्मिक परंपराओं से समृद्ध देश है, जहां भक्त अपनी आस्था को दर्शाने के लिए विभिन्न रूपों में योगदान देते हैं। ऐसा ही एक अनोखा उदाहरण है वे गांव, जहां की पूरी जमीन भगवान के नाम पर समर्पित कर दी गई है। यह परंपरा विभिन्न राज्यों में देखने को मिलती है, जहां ग्रामीणों ने अपने क्षेत्र को धार्मिक आस्था और मूल्यों के अनुरूप समर्पित कर दिया है।

राजस्थान का श्री महावीरजी का खेड़ा

राजस्थान के करौली जिले में स्थित “श्री महावीरजी का खेड़ा” एक ऐसा गांव है जहां की पूरी जमीन भगवान महावीर स्वामी के नाम पर है। इस गांव में लगभग 250 परिवार रहते हैं, जिन्होंने अपनी भूमि को भगवान को अर्पित कर दिया। इस निर्णय के पीछे ग्रामीणों की भावना है कि वे अपने जीवन को आध्यात्मिकता और धार्मिक मूल्यों के अनुसार जी सकें।

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हरियाणा का शाहबाद मार्कंडा

हरियाणा के जींद जिले में स्थित शाहबाद मार्कंडा गांव की लगभग 2500 बीघा जमीन भगवान के नाम पर समर्पित है। यहां के लोग अपनी भूमि को धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए समर्पित करके गर्व महसूस करते हैं। यह गांव अपनी धार्मिक आस्था के कारण प्रसिद्ध है और यहां अनेक श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

केरल का श्री कृष्णपुरम

केरल के तिरुवनंतपुरम जिले में स्थित श्री कृष्णपुरम गांव भी इसी तरह की परंपरा का अनुसरण करता है। इस गांव की संपूर्ण भूमि भगवान पद्मनाभस्वामी मंदिर के नाम पर समर्पित है। भगवान पद्मनाभस्वामी मंदिर भारत के सबसे धनाढ्य मंदिरों में से एक है और यहां के ग्रामीणों की आस्था इस मंदिर से अटूट रूप से जुड़ी हुई है।

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राजस्थान का देवमाली गांव

राजस्थान के ब्यावर जिले में स्थित देवमाली गांव में करीब 3000 बीघा जमीन भगवान ‘देवनारायण’ के नाम पर समर्पित है। यह गांव अपनी अनूठी परंपरा और धार्मिक आस्था के लिए प्रसिद्ध है। इस क्षेत्र के लोग अपनी भूमि को भगवान के नाम पर समर्पित कर इसे धार्मिक स्थल के रूप में विकसित कर चुके हैं।

धार्मिक आस्था का जीवंत उदाहरण

इन गांवों की परंपरा यह दर्शाती है कि भारतीय समाज में धर्म और आस्था का कितना गहरा प्रभाव है। जब लोग अपनी व्यक्तिगत संपत्ति को त्यागकर भगवान के नाम पर समर्पित करते हैं, तो यह न केवल उनकी धार्मिक भावनाओं को दर्शाता है, बल्कि एक सामूहिक आस्था और संस्कृति की पहचान भी बनता है।

भारत के ये अनूठे गांव न केवल धार्मिक समर्पण के अद्भुत उदाहरण हैं, बल्कि वे समाज के लिए प्रेरणास्रोत भी हैं। इन गांवों की परंपरा दिखाती है कि आध्यात्मिक आस्था और सामाजिक सद्भाव को कैसे एक साथ लाया जा सकता है। यह परंपरा भारत की धार्मिक विविधता और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का एक अद्वितीय प्रतीक है।

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