India News (इंडिया न्यूज़), Ganesh Tok: गणेश जी के चमत्कारों के बारें में तो सभी जानते है, उत्तर पूर्व में एक ऐसा गणेश मंदिर है जिसे उत्तर पूर्व के लोग सिद्धि विनायक मंदिर से कम नहीं मानते हैं। आज इस लेख में हम उस गणेश मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे उत्तर पूर्व के लोग सिद्धि विनायक मंदिर जैसा मानते हैं।

  • गणेश जी का चमत्कारी मंदिर
  • सिक्किम में है बेहद खास मान्यता

उत्तर पूर्व के सिद्धि विनायक मंदिर का क्या है नाम?

उत्तर पूर्व में जिस गणेश मंदिर को सिद्धि विनायक मंदिर जैसा माना जाता है उसका नाम ‘गणेश टोक मंदिर’ है। गणेश टोक मंदिर उत्तर पूर्व के गंगटोक शहर में मौजूद है। वहीं बता दें कि गंगटोक शहर में गणेश टोक मंदिर इतना पवित्र और प्रसिद्ध है कि स्थानीय शहर के लोग ही नहीं बल्कि कई अन्य शहरों से भी लोग इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं। स्थानीय लोगों द्वारा इस मंदिर को बहुत ही पवित्र और प्रसिद्ध धार्मिक स्थल माना जाता है। Ganesh Tok

क्या है गणेश टोक मंदिर का इतिहास?

गंगटोक से करीब 7 किलोमीटर दूर स्थित इस प्रसिद्ध मंदिर के इतिहास की बात करें तो ये काफी रोचक है। कहा जाता है कि गणेश टोक मंदिर का निर्माण वर्ष 1953-54 में हुआ था। जिसको अब 400 साल पूरे हो चुके है। गणेश टोक मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण बी. पंत ने करवाया था। वहीं यहां के लोग बी. पंत के बारे में कहते है कि उस समय वे भारत सरकार द्वारा अधिकारी के पद पर तैनात थे। हालांकि, इस मंदिर के बारे में यह भी कहा जाता है कि प्राचीन समय में यहां एक मूर्ति थी और बाद में यहां एक इमारत का निर्माण किया गया।

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आखिर गणेश टोक मंदिर भक्तों के लिए क्यों है खास?

गणेश टोक मंदिर भक्तों के लिए बहुत ही खास है। इस मंदिर के बारे में स्थानीय मान्यता है कि जो भी सच्चे मन से भगवान के दर्शन करने आता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके साथ ही बात दें कि गणेश चतुर्थी के अवसर पर गणेश टोक मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। पूरे 10 दिनों तक यहां काफी चहल-पहल रहती है। गणेश चतुर्थी के अवसर पर राज्य के अन्य हिस्सों से भी श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। गणेश चतुर्थी के अवसर पर मंदिर के आसपास का नजारा बेहद भव्य होता है।

पर्यटकों के लिए भी है खास? Ganesh Tok

गणेश टोक मंदिर सिर्फ गणेश भक्तों के लिए ही नहीं, बल्कि पर्यटकों के लिए भी खास है। पहाड़ी की चोटी पर स्थित होने के कारण यह मंदिर पर्यटकों से दूर नहीं रहता। खूबसूरत पहाड़, हरियाली, ठंडी हवा और रिमझिम बारिश की बूंदों के कारण मंदिर के आसपास एक रोमांटिक एहसास फैल जाता है। पर्यटक जैसे ही पहाड़ी की चोटी पर पहुंचता है, वह खूबसूरती को निहारने लगता है।

कहा जाता है कि गणेश टोक मंदिर से गंगटोक शहर के साथ-साथ कंचनजंगा पर्वत की खूबसूरती को भी देखा जा सकता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बर्फबारी के दौरान इस जगह की खूबसूरती अपने चरम पर होती है। Ganesh Tok

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कैसे पहुंचें गणेश टोक मंदिर? Ganesh Tok

अगर आप भी गणेश टोक मंदिर पहुंचना चाहते है तो इसका तरीका काफी आसान है। इसके लिए आपको देश के किसी भी कोने से गंगटोक पहुंचना होगा। गंगटोक से गणेश टोक मंदिर की दूरी करीब 7 किमी है। इसके अलावा आप सिक्किम भी पहुंच सकते हैं। सिक्किम से आप गंगटोक शहर और फिर गंगटोक से गणेश टोक मंदिर पहुंच सकते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि सबसे नजदीकी एयरपोर्ट बागडोगरा है। नजदीकी रेलवे स्टेशन सिलीगुड़ी या जलपाईगुड़ी है।

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