India News (इंडिया न्यूज़), Right Time & Way To Sleep At Night: स्वस्थ शरीर के लिए सही दिनचर्या का पालन करना अत्यंत आवश्यक है, और इसमें नींद का विशेष महत्व है। केवल सोने के घंटे ही नहीं, बल्कि सोने की दिशा, समय और अन्य नियम भी हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। आइए जानते हैं शास्त्रों के अनुसार सोने के सही तरीके और उनके पीछे छिपे विज्ञान को।

सोने का सही समय

शास्त्रों में बताया गया है कि सूर्यास्त के लगभग तीन घंटे बाद सोना उचित होता है। यह समय शरीर को दिनभर की थकान से उबरने और मस्तिष्क को आराम देने के लिए अनुकूल माना गया है।

  • सूर्योदय के बाद सोने से बचें: सूर्योदय के बाद सोने से आलस्य बढ़ता है और यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
  • शाम को सोना अशुभ: शाम के समय सोने से व्यक्ति की ऊर्जा और कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है।

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सोने की सही दिशा

सोते समय दिशा का ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालता है।

  • पूर्व दिशा: सिर पूर्व दिशा की ओर करके सोना ज्ञान और ऊर्जा को बढ़ाता है। यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत मानी जाती है।
  • दक्षिण दिशा: सिर दक्षिण दिशा में रखकर सोने से स्वास्थ्य में सुधार होता है और यह शरीर को स्थिरता प्रदान करता है।
  • टालने योग्य दिशाएँ: उत्तर या पश्चिम दिशा की ओर सिर करके सोने से बचें। इससे नकारात्मकता और मानसिक अस्थिरता बढ़ सकती है।

बिस्तर से जुड़े नियम

शास्त्रों में बिस्तर की शुद्धता और स्थिति पर भी जोर दिया गया है।

साफ और सही बिस्तर: विष्णु पुराण के अनुसार, व्यक्ति को कभी भी टूटे, गंदे, ज्यादा ऊंचे या असामान्य रूप से छोटे बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए।

खाने और सोने का अंतर: जिस बिस्तर पर आप सोते हैं, वहां भोजन करने से बचें। ऐसा करने से बिस्तर पर नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है।

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सुबह उठने का सही तरीका

सुबह की शुरुआत सकारात्मक तरीके से करना दिनभर के मूड और ऊर्जा स्तर को निर्धारित करता है।

  • दाहिनी ओर से उठें: शास्त्रों के अनुसार, सुबह उठते समय दाहिनी ओर से बिस्तर छोड़ना शुभ माना जाता है।
  • धरती को प्रणाम करें: उठने के बाद सबसे पहले झुककर धरती को स्पर्श करें और उसका धन्यवाद करें। यह आदत न केवल आध्यात्मिक लाभ देती है बल्कि मानसिक संतुलन भी बनाए रखती है।

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सोने की आदतों का स्वास्थ्य पर प्रभाव

शास्त्रों में दिए गए ये नियम केवल धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी उपयोगी हैं। सही समय और दिशा में सोने से शरीर में रक्त प्रवाह, ऊर्जा स्तर और मस्तिष्क का कार्य संतुलित रहता है। वहीं, सुबह धरती को प्रणाम करने से सकारात्मकता बढ़ती है और दिन की शुरुआत शांतिपूर्ण होती है।

शास्त्रों में वर्णित सोने के ये तरीके न केवल आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करते हैं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं। यदि आप इन नियमों को अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं, तो न केवल आपका स्वास्थ्य बेहतर होगा बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन भी बना रहेगा।

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Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।