India News (इंडिया न्यूज), Someshwar Temple in Prayagraj: भारत की भूमि प्राचीन मंदिरों, धार्मिक स्थलों और अद्भुत चमत्कारों से परिपूर्ण है। इन्हीं में से एक है प्रयागराज स्थित सोमेश्वर महादेव मंदिर, जो न केवल अपनी आध्यात्मिक महिमा के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसके पीछे छिपी ऐतिहासिक घटनाएं भी इसे रहस्यमयी बनाती हैं। इस मंदिर की स्थापना चंद्रदेव द्वारा किए जाने का उल्लेख पद्मपुराण में मिलता है। सदियों पुराना यह मंदिर भगवान शिव की अद्भुत शक्ति और भव्यता का प्रमाण है।

औरंगजेब और सोमेश्वर महादेव मंदिर

मुगल शासक औरंगजेब को एक कट्टर और हिंदू विरोधी शासक माना जाता था, जिसने कई मंदिरों को तुड़वाने के आदेश दिए थे। लेकिन जब उसकी सेना सोमेश्वर महादेव मंदिर पहुंची, तो एक अनोखा चमत्कार देखने को मिला। इस चमत्कार से प्रभावित होकर औरंगजेब ने मंदिर को नष्ट करने का विचार त्याग दिया और इसके संरक्षण के लिए एक बड़ी जागीर दान में दे दी

ब्रह्मण का एकलौता ऐसा राक्षस जिसे देवताओं से भी ऊपर दिया गया है दर्जा, आपके घर पर आने वाली विपत्ति का भी नाश कर सकता है इसका उच्चारण

इसका प्रमाण मंदिर में स्थित धर्मदंड और एक प्राचीन फरमान में मिलता है। मंदिर में हनुमान प्रतिमा के सामने एक धर्मदंड स्थापित है, जिसमें संवत् 1674 के श्रावण मास में औरंगजेब द्वारा मंदिर को जागीर दिए जाने का उल्लेख है। हालांकि, प्रतिदिन सिंदूर का लेप होने के कारण यह शिलालेख स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देता।

मंदिर की दिव्यता और शक्ति

सोमेश्वर महादेव मंदिर को शक्ति का केंद्र माना जाता है। यहाँ स्थित शिवलिंग अत्यंत चमत्कारी और श्रद्धालुओं की मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला बताया जाता है। भक्तगण इस मंदिर में पूजा-अर्चना करके अपने दुखों से मुक्ति पाते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति करते हैं।

मंदिर की प्राचीन वास्तुकला

इस मंदिर की भव्यता इसकी प्राचीन वास्तुकला, नक्काशी, स्तंभ और धार्मिक शिलालेखों से झलकती है। मंदिर की अद्भुत संरचना इसे ऐतिहासिक धरोहर का दर्जा देती है। समय के साथ कई आक्रमणकारियों ने इस मंदिर को नष्ट करने का प्रयास किया, लेकिन इसकी दिव्यता और शक्ति के कारण यह सुरक्षित बना रहा।

12 अप्रैल से कट जाएगा इन 5 राशियों के दुख-दर्द से मांझा, मंगल करेंगे पुष्य नक्षत्र में गोचर जिससे इनकी परेशानियों में लगेगा फुल स्टॉप!

श्रद्धालुओं की आस्था और मान्यताएँ

मंदिर में प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। विशेष रूप से श्रावण मास में यहाँ भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति सच्चे मन से इस मंदिर में पूजा-अर्चना करता है, उसकी सभी इच्छाएँ पूर्ण होती हैं

सोमेश्वर महादेव मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं बल्कि इतिहास, चमत्कार और आध्यात्मिकता का संगम है। यह मंदिर न केवल अपनी भव्यता और शक्ति के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह हमें यह भी दर्शाता है कि सच्ची भक्ति के आगे कोई भी शक्ति टिक नहीं सकती। औरंगजेब द्वारा मंदिर को नष्ट करने का विचार त्याग देना भी इस बात का प्रमाण है कि इस मंदिर में कुछ विशेष दिव्यता अवश्य है।

अगर आप भी आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करना चाहते हैं, तो एक बार सोमेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन अवश्य करें और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करें।

छत्रपति संभाजी महाराज के मृत शरीर के टुकड़े काट फेंक दिए थे इस नदी में, क्रूरता की कर हर हद पार औरंगज़ेब ने किया था ये हाल