India News (इंडिया न्यूज), Vrishchik Sankranti 2024: ज्योतिशास्त्र अनुसार एक अध्याय में सूर्य के वृश्चिक राशि में प्रवेश के समय बनने वाली ग्रह स्थिति को कृषि और अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण बताया गया है। इस वर्ष सूर्य 16 नवंबर 2024 को सुबह 7:32 बजे वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे। आइए जानें, इसका फसलों, अर्थव्यवस्था, और समाज पर प्रभाव।
1. रबी फसलों पर प्रभाव
ग्रह स्थिति:
सूर्य पर वृषभ राशि में स्थित गुरु की शुभ दृष्टि पड़ रही है।
सूर्य लग्न में बुध के साथ हैं और सप्तम भाव से चंद्रमा और गुरु की दृष्टि पड़ रही है।
फल:
गेहूं और जौ जैसी प्रमुख रबी फसलों की उपज अच्छी होने की संभावना है।
किसान अच्छे उत्पादन के लिए आशान्वित हो सकते हैं।
हालांकि, तमिलनाडु और दक्षिण भारत में भारी वर्षा के कारण कुछ क्षेत्रों में फसल खराब होने की आशंका है।
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2. अर्थव्यवस्था और बाजार पर प्रभाव
शेयर बाजार:
हाल की गिरावट के बाद, सूर्य के वृश्चिक राशि में प्रवेश के साथ बाजार स्थिर होगा।
अर्थव्यवस्था में सुधार होगा, और सरकार महंगाई पर नियंत्रण के लिए कदम उठाएगी।
महिलाओं के लिए विशेष लाभ:
कुंडली में दूसरे भाव में बैठे शुक्र के कारण महिलाओं के लिए नई सरकारी योजनाओं का संकेत है।
महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक स्तर पर लाभ होने की संभावना है।
3. राजनीतिक और कानूनी घटनाक्रम
संसद और नए कानून:
संसद के शीतकालीन सत्र में समान नागरिक संहिता और कुछ अन्य नए कानूनों पर चर्चा शुरू हो सकती है।
चतुर्थ भाव में शनि और उस पर मंगल की दृष्टि के कारण विपक्ष पर सरकार का दबाव बढ़ेगा।
4. मौसम और प्राकृतिक घटनाएँ
तापमान में गिरावट:
सूर्य के वृश्चिक राशि में प्रवेश के साथ ही सर्दी बढ़ेगी।
नवंबर के अंत तक उत्तर भारत के हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी होगी।
दक्षिण भारत में भारी बारिश:
उत्तर-पूर्व मानसून के कारण तमिलनाडु, विशेषकर चेन्नई और दक्षिणी क्षेत्रों में भारी वर्षा होगी।
इससे जनजीवन प्रभावित होगा, और किसानों को भी नुकसान झेलना पड़ सकता है।
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5. अंतरराष्ट्रीय संबंध और भारत का रुतबा
विदेश व्यापार और राजनीति:
गुरु और शुक्र के राशि परिवर्तन योग के कारण भारत के अंतरराष्ट्रीय व्यापार और कूटनीतिक रुतबे में वृद्धि होगी।
नवंबर में ब्राजील में आयोजित G-20 बैठक में भारत को महत्वपूर्ण लाभ मिलने का संकेत है।
इस वर्ष सूर्य का वृश्चिक राशि में प्रवेश देश और समाज के लिए सकारात्मक संकेत लेकर आ रहा है। कृषि, अर्थव्यवस्था, और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्नति के योग बन रहे हैं। हालांकि, दक्षिण भारत में मौसम की विपरीत परिस्थितियों से सतर्क रहना जरूरी है।
Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।