India News (इंडिया न्यूज), Truth Behind 33 Crore Devi-Devta In Hindusm: हिंदू धर्म दुनिया के सबसे प्राचीन धर्मों में से एक है, जिसमें अनेक देवी-देवताओं की पूजा होती है। हालांकि, एक आम धारणा है कि हिंदू धर्म में 33 करोड़ देवी-देवता हैं। यह संख्या सुनने में ही अकल्पनीय लगती है, और वास्तव में यह एक गलतफहमी है। आइए इस विषय को गहराई से समझते हैं और जानते हैं कि यह भ्रम कैसे उत्पन्न हुआ।


33 कोटि का अर्थ

संस्कृत में “कोटि” शब्द के दो मुख्य अर्थ हैं:

  1. प्रकार (Type or Category)
  2. करोड़ (Crore)

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हिंदू धर्मग्रंथों में जब “33 कोटि” देवी-देवताओं का उल्लेख किया गया है, तो इसका अर्थ “33 प्रकार” से है, न कि “33 करोड़”। इन 33 प्रकार के देवी-देवताओं को मुख्य रूप से तीन वर्गों में विभाजित किया गया है:

  1. आकाशीय देवता: इंद्र, वरुण, अग्नि आदि।
  2. पृथ्वी के देवता: नंदी, नाग, वृक्ष आदि।
  3. पाताल के देवता: कुबेर, यक्ष आदि।

33 कोटि देवी-देवताओं की सूची

वेद और पुराणों के अनुसार, 33 कोटि देवी-देवता निम्न प्रकार के हैं:

  1. आठ वसु (Ashtavasu): पृथ्वी, अग्नि, जल, वायु, आकाश, चंद्रमा, सूर्य और तारे।
  2. ग्यारह रुद्र (Ekadash Rudra): रुद्र के 11 रूप जो सृजन, पालन और संहार के प्रतीक हैं।
  3. बारह आदित्य (Dwadash Aditya): सूर्य देवता के 12 स्वरूप।
  4. दो अश्विनी कुमार (Ashwini Kumaras): देवताओं के चिकित्सक।

इनके अलावा, ब्रह्मा, विष्णु और महेश जैसे त्रिमूर्ति भी इनमें शामिल हैं। इस प्रकार कुल 33 प्रकार के देवी-देवताओं का उल्लेख मिलता है।

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गलतफहमी कैसे उत्पन्न हुई?

यह भ्रम मुख्यतः “कोटि” शब्द के अर्थ को सही ढंग से न समझने के कारण हुआ। प्राचीन ग्रंथों का अनुवाद करते समय कई बार “कोटि” को “करोड़” समझा गया। इसके अलावा, हिंदू धर्म की विविधता और हर क्षेत्र में अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा ने भी इस धारणा को बल दिया।


हिंदू धर्म की व्यापकता

हिंदू धर्म में प्रत्येक प्राकृतिक तत्व को देवता के रूप में पूजनीय माना गया है। इसीलिए जल, वायु, अग्नि, सूर्य आदि को भी देवता का स्थान दिया गया है। क्षेत्रीय और लोक देवी-देवताओं की पूजा इस विश्वास को और गहराई देती है कि देवी-देवताओं की संख्या अनंत है।

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“33 करोड़” देवी-देवताओं की धारणा हिंदू धर्म के वास्तविक सिद्धांतों को गलत ढंग से समझने का परिणाम है। सही अर्थ यह है कि हिंदू धर्म में 33 प्रकार (कोटि) के देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। यह धर्म की विविधता और प्रकृति के प्रति सम्मान को दर्शाता है।

इस विषय को सही रूप से समझने और प्रचारित करने की आवश्यकता है ताकि हिंदू धर्म के प्रति गलत धारणाएं दूर हो सकें।

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