India News (इंडिया न्यूज), Kalki Avtaar in Sambhal: उत्तर प्रदेश के संभल जिले का नाम प्राचीन ग्रंथों और पुराणों में विष्णु भगवान के दसवें अवतार, कल्कि, के जन्मस्थान के रूप में आता है। स्कंदपुराण के सम्भालमहत्म से लेकर अन्य वेदों और पुराणों में इस बात का जिक्र किया गया है कि कलियुग में भगवान विष्णु, कल्कि अवतार के रूप में संभल में अवतरित होंगे। इस धार्मिक और पौराणिक महत्त्व के चलते संभल सदैव चर्चा में रहता है।

भगवान विष्णु के अवतार

भगवान विष्णु के अब तक नौ अवतारों का उल्लेख है, जिनमें मछली, वराह, कछुए, नृसिंह और राम-कृष्ण अवतार प्रमुख हैं। दसवें अवतार, कल्कि, का जन्म कलियुग के अंत में होगा और यह अवतार धर्म की पुनर्स्थापना के लिए होगा।

रात 12 से 1 के बीच हर रोज बच्चा बन साक्षात दर्शन देती है बीकानेर में माता, एक साड़ी चढ़ा दीजिए हर मनोकामना को कर देंगी पूर्ण!

आलू में उभरी बारह आकृतियाँ

हाल ही में संभल के तुलसी मानस मंदिर में एक अद्भुत घटना ने आस्था को और प्रबल कर दिया है। वंशगोपाल तीर्थ के पास कैमा गांव में खुदाई के दौरान एक ऐसा आलू मिला है, जिसमें बारह अलग-अलग आकृतियाँ नजर आ रही हैं। मंदिर के पुजारी ने बताया कि इस आलू में भगवान विष्णु के कछुए, शेषनाग, मछली और अन्य अवतारों की आकृतियाँ स्पष्ट रूप से देखी जा सकती हैं।

पुजारी का कहना है कि भगवान के अवतार से पहले यह “धरती के अंदर से प्रभु लीला” का प्रमाण है। यह आलू अब तुलसी मानस मंदिर में रखा गया है, जहां भक्त इसकी पूजा करने के लिए बड़ी संख्या में आ रहे हैं। इस आलू को आस्था और भगवान की दिव्य लीला के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है।

कितने साल तक रहती है आप पर शनि की महादशा…न्याय के देवता को इस प्रकार रखें शांत, नहीं तो जिंदगी तक से धो सकते है हाथ!

धार्मिक आस्था की वृद्धि

यह आलू न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि दूर-दराज के श्रद्धालुओं के लिए भी आस्था का केंद्र बन गया है। धार्मिक स्थलों पर ऐसी घटनाओं का महत्व अत्यधिक होता है, क्योंकि यह लोगों की भक्ति और विश्वास को और मजबूत करती हैं।

संभल में हिंसा और न्यायिक कार्यवाही

जहां एक ओर संभल धार्मिक आस्था का केंद्र है, वहीं दूसरी ओर यहां की कानूनी घटनाएं भी चर्चा में हैं। 24 नवंबर को संभल में हुई हिंसा के मामले में एक अदालत ने 16 आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी।

Holi वाले दिन भगवान इंसानों को दिखाएंगे खौफनाक नजारा, आसमान में 65 मिनटों तक सिर ना उठाएं, वरना शरीर को होगा ये हाल

हिंसा की पृष्ठभूमि

पिछले वर्ष 24 नवंबर को अदालत के आदेश पर जामा मस्जिद के निरीक्षण के दौरान भड़की हिंसा में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई थी, और कई अन्य घायल हो गए थे। हिंसा के बाद स्थानीय पुलिस ने 80 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया।

न्यायिक प्रक्रिया

अपर जिला शासकीय अधिवक्ता हरिओम प्रकाश सैनी ने जानकारी दी कि अब तक कुल 104 जमानत याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश निर्भय नारायण राय की अदालत में गुरुवार को 16 आरोपियों की जमानत याचिकाएं खारिज की गईं। इसके पहले बुधवार को 10 अन्य याचिकाएं भी खारिज की गई थीं।

होलिका दहन के दिन इन 5 जगह पर जरूर जलाएं आटे का दीपक, अचानक ही बरसने लगेगी दौलत, 7 पीढ़ियों तक के पितृ श्राप से मिल जाएगी मुक्ति