India News (इंडिया न्यूज़),Vighnaharta Ganesha: पौराणिक शास्त्रों और मान्यताओं के अनुसार हिंदू धर्म में किसी भी मंगल कार्य के प्रारंभ से पहले गणेश जी को पूजा जाता हैं। शादी – विवाह, मुंडन संस्कार, गृहप्रवेश हो या कोई भी पूजा पाठ का काम से पहले गणेश जी को पूजा की जाती है। इसके अलावा यह रिवाज भी है कि सभी देवी-देवताओं से पहले श्री गणेश की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि बप्पा बाधाओं को दूर करते हैं, किसी भी कार्य को आसानी से पूरा करना सुनिश्चित करते हैं। उन्हें प्रणाम करने से कार्य निर्विघ्न संपन्न होते हैं।
Vighnaharta Ganesha
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क्यों की जाती है सर्वप्रथम गणेश जी की पूजा
सबसे पहले गणेश जी को पूजा की जाती है क्योंकि वे हिंदू धर्म में आदि देवता माने जाते हैं। गणेश जी को विज्ञान, कला, शिक्षा, और समृद्धि के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। उन्हें ‘विघ्नहर्ता’ भी कहा जाता है, क्योंकि वे हर किसी प्रकार के विघ्नों को हर देते हैं और सफलता की ओर मार्ग प्रशस्त करते हैं। गणेश जी की पूजा का आरंभ शुभ निकटता के लिए की जाती है। जब कोई कार्य आरंभ करने से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है, तो विघ्नों का नाश होता है और कार्य का शुभारंभ होता है।
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इसके अलावा, गणेश जी को स्मरण करके विद्यार्थियों ने अध्ययन में सफलता प्राप्त करने का अभिप्राय भी किया जाता है। गणेश जी की पूजा में मोदक, लड्डू, दूर्वा घास, और कुम्भ का जल उपहार के रूप में चढ़ाए जाते हैं। उनके पूजन से संकटों का नाश होता है और जीवन में समृद्धि आती है। गणेश जी की पूजा का महत्व इसलिए भी है क्योंकि वे धर्म, कर्म, और अर्थ के देवता हैं और उनकी कृपा से जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
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पौराणिक कथाओ के अनुसार क्यो हैं गणेश प्रथम पूजनीय
किस देवता की पूजा समस्त देवगणों से पहले हो?एक बार समस्त देवताओं में इस बात पर विवाद उत्पन्न हुआ। सभी देवता स्वयं को सर्वश्रेष्ठ बताने लगे, तभी नारद जी ने इस समय को लेकर महादेव के पास जाने का सुझाव दिया।सभी देवता स्वयं को सर्वश्रेष्ठ बताने लगे, तभी नारद जी ने इस समय को लेकर महादेव के पास जाने का सुझाव दिया।
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यह निर्णय सुनकर देवों ने पूछा गणेश केसे विजेता हुए ? तब शिव जी ने बताया की माता पिता को समस्त लोक में सर्वोच्च स्थान दिया गया है। गणेश जी ब्रामण्ड का चक्र ना लगा कर अपने माता पिता की 7 परिक्रमा कर के उनके समक्ष हाथ जोड़ कर खड़े हो गए। यह बात जान कर देवता महादेव के इस निर्णय से सहमत हो गए। इसलिए गणेश जी को सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय का स्थान दिया गया है।