इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : यूपीएससी की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के बीच डॉ विकास दिव्यकीर्ति का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। अभ्यर्थियों के लिए डॉ विकास उम्मीद की किरण हैं, इन्हें UPSC Exam की तैयारी कराने वाले शिक्षकों में सबसे बड़े नाम के तौर पर जाना जाता है। आपको बता दें, कुछ दिनों पहले तक लोग इस शिक्षक की वीडियोज़ खोज-खोज कर देखते थे,आज भी देख रहे हैं लेकिन आज इन्हें सर्च करने की वजह बदल गई है। लोग इस शिक्षक का संसथान बंद कराने की बात कर रहे हैं।

सीता माता पर टिप्पणी बनी विवाद की वजह

आपको बता दें, अपने पढ़ाने के तरीके को लेकर प्रचलित हुए डॉ विकास इन दिनों एक विवाद में घिर गए हैं। ज्ञात हो, विकास दिव्यकीर्ति UPSC कोचिंग सेंटर Drishti IAS के संस्थापक हैं।अपने इसी कोचिंग सेंटर में उन्होंने हजारों उदाहरण दे कर छात्रों को परीक्षा की तैयारी कारवाई है लेकिन अब वह अपने दिए गए एक उदाहरण को लेकर विवादों में फंस गए हैं। डॉ विकास दिव्यकीर्ति का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसे लेकर कहा जा रहा है कि उस लेक्चर में उन्होंने सीता माता की तुलना ‘कुत्ते के चाटे हुए घी’ से की है।

हिंदुत्ववादी नेताओं ने आपत्ति दर्ज कराई

आपको बता दें, दिव्यकीर्ति के वीडियो पर साध्वी प्राची जैसे हिंदुत्ववादी नेताओं ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई है, साथ ही कई छात्रों ने अपने शिक्षक के समर्थन में उनका पूरा वीडियो अपलोड भी किया है। जहां डॉ. दिव्याकृति को यह कहते हुए साफ सुना जा सकता है कि, “हिंदी फिल्मों में, जब नायक और नायिका अंत में मिलते हैं, वे दौड़े चले आते हैं। इधर, सीता खुश थी कि राम ने रावण को हरा दिया और अब वह इतने दिनों के बाद घर जा रही हैं। राम समझ गए कि सीता बहुत खुश हो रही हैं, उन्होंने कहा ‘रुको सीते’ और फिर उन्होंने कुछ ऐसा कहा जो कहते हुए मुझे बहुत बुरा लग रहा है। अगर मैं उन शब्दों को कहूंगा तो मेरी जुबान कट जाएगी,लेकिन मुझे कहना पड़ेगा। क्या करें..।”

तब उन्होंने कहा, “राम ने सीता से कहा कि उन्होंने सीता के लिए युद्ध नहीं किया। उन्होंने वंश के लिए युद्ध लड़ा। जैसे कुत्ते के चाटने से घी खाने के लिए अयोग्य हो जाता है, वैसे ही अब आप मेरे लिए योग्य नहीं हैं।”

विडिओ के सामने आते ही डॉ विकास हर तरफ से विवादों में घिर गए हैं और लोगों द्वारा उनकी हर तरफ आलोचना हो रही है। मामला यहां तक बढ़ चुका है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर उनके कोचिंग सेंटर दृष्टि आईएएस को बंद करने की मांग तक उठने लगी है। लोग ट्वीट कर कह रहे हैं कि भगवान राम और माता सीता को लेकर की गई टिप्पणी की वजह से उनकी भावनाएं आहत हुई हैं।

डॉ विकास की सफाई ?

अपने इस बायान पर उठे विवाद के बारे में सफाई देते हुए डॉ विकास ने कहा है कि अगर उन्होंने ये बात मनगढ़ंत रूप से कही होती तो वो निश्चित रूप से जिम्मेदार होते लेकिन जब ये ग्रंथों में लिखा है तो वो गलत नहीं हैं। आपको बता दें, इस विवाद के बढ़ने के बाद डॉ विकास दिव्यकीर्ति द लल्लनटॉप के शो में आए और यहां उन्होंने इस विवाद पर अपना पक्ष रखा है।

अपने इस इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि, ‘उन पर सवाल उठाने वाले लोग जितने हिंदू हैं, उतना ही हिंदू मैं भी हूं।” उन्होंने बताया कि वह पुरुषोत्तम अग्रवाल की एक पुस्तक से यह उदाहरण दिया है। दिव्याकृति ने कहा कि, “पुरुषोत्तम अग्रवाल यूपीएससी के सदस्य रहे हैं, जिसका मतलब है कि हम उन्हें अपनी पढ़ाई में उद्धृत कर सकते हैं। मैंने संस्कृत में रामायण या महाभारत नहीं पढ़ी है। इस पुस्तक में वाल्मीकि रामायण के हवाले से ही ये उदाहरण दिया गया है। ”

“मेरे पास सबूत है” दिव्यकीर्ति

डॉ. दिव्याकृति ने पेज नंबर बताते हुए अपने साक्षात्कार में कहा कि, “मैं सबूत के बिना नहीं बोलता। मैंने ट्विटर पर कम समय और अध्ययन में अधिक समय बिताया है। वहीं मैं अधिक सहज महसूस करता हूं।” डॉ. दिव्याकृति ने कहा, “अब सवाल यह है कि हम क्या करें क्योंकि यूपीएससी में ऐसे सवाल आते हैं जैसे तुलसीदास के संदर्भ में नारीवाद का मूल्यांकन करें। तुलसीदास ने अपने रामचरितमानस में उन हिस्सों को हटा दिया और प्रगतिशील साबित हुए।”

“यह राम नहीं कह रहे लेकिन लेखक राम के माध्यम से कह रहा है।लेखकों ने अपने शब्दों को अपने पात्रों के वाक्यों में बदल दिया, लेकिन तुलसीदास आधुनिक थे, उन्होंने नारीवाद के आगमन को देखा और इसे अपनी पुस्तक में शामिल नहीं किया।” वायरल हो रहे वीडियो के उस हिस्से में ये बात कही गई जिसे वायरल वीडियो से हटा दिया गया है, इसके साथ ही दिव्यकीर्ति ने अपने लेक्चर की शुरुआत में ही कहा कि ऐसा कहते हुए उनकी जुबान कांप रही है।