India News (इंडिया न्यूज), Mahakumbh 2025: महाकुम्भ स्नान का क्या महत्व है ये तो हम सब ही बखूबी जानते हैं। इस साल 2025 में आयोजित हुए महाकुम्भ में हर रोज लाखों की तादाद में श्रद्धालु स्नान के लिए जाते हुए देखें जा रहे है। हर व्यक्ति इस इस उम्मीद के साथ अपने घर से निकलता है कि अब वह अपने सभी पापो को धो महाकुम्भ से अपने साथ विश्वास और श्रद्धा लेकर ही लौटेगा।

लेकिन क्या अपनी इस श्रद्धा के चलते इस साफ़ जल को दूषित करना सही है? क्या जिस जल में आप अपने पाप धोने जा रहे है उसी जल को मेला करना सही है? हाल ही में महाकुम्भ का एक वीडियो तेजी से वायरल होता नजर आ रहा है जिसमे संगम की सफाई होती देखी जा सकती है लेकिन इस पूरी वीडियो में जिसने सबके होश उड़ा दिए वो था जल से निकलने वाला कूड़ा। आइये देखें पूरा वीडियो….

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देखें वीडियो:

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महाकुम्भ जल का हुआ ऐसा हाल:

जैसा कि आपने इस वीडियो में देखा ही कि किस तरह संगम की सफाई के दौरान इसमें से भर-भर के नारियल फूल और न जाने कितने सिक्के है निकालें जा रहे है। पानी का हाल इस कदर बुरा हो चुका है कि उसे निकालने के लिए भी सफाई की मशीन बुलाई गई है जिसके द्वारा ही इसमें से पन्नी, नारियल और काफी कुछ निकलता हुआ नजर आ रहा है।

लेकिन अब सवाल इस बात पर उठता है कि क्या ये तरीका सही है? क्या इसे श्रद्धा का नाम देकर इस तरह इस पावन जल को दूषित करना सही है? अभी भी महाकुम्भ को समाप्त होने में कई दिन बाकि है ऐसे में अगर जल को इसी प्रकार दूषित किया गया तो क्या ये आगे तक ऐसा ही रह सकेगा।

कुंभ में स्नान केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह जीवन को नई दिशा और ऊर्जा देने वाला अनुभव है। इसके आध्यात्मिक, वैज्ञानिक और सामाजिक लाभ इसे एक अद्वितीय आयोजन बनाते हैं। यह स्नान व्यक्ति को न केवल आत्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि उसे एक बेहतर इंसान बनने के लिए प्रेरित करता है।

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अगर आप भी अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं, तो कुंभ में स्नान अवश्य करें और इस अद्भुत अनुभव का हिस्सा बनें।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।