India News (इंडिया न्यूज),Rangbhari Ekadashi: हर महीने दो एकादशी व्रत रखे जाते हैं। एक व्रत कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में रखा जाता है। फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का विशेष महत्व होता है, जिसे आमलकी एकादशी कहते हैं। यह एकादशी भगवान शिव और माता पार्वती से संबंधित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव और माता गौरी काशी में अपने भक्तों के साथ होली खेलते हैं। इसलिए इसे रंगभरी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में इस दिन से होली की शुरुआत हो जाती है।

सनातन वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 9 मार्च को सुबह 7:45 बजे लग रही है, जो अगले दिन यानी 10 मार्च को सुबह 7:48 बजे तक रहेगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार रंगभरी एकादशी 10 मार्च को मनाई जाएगी और व्रत भी उसी दिन रखा जाएगा।

वैवाहिक समस्याएं दूर होंगी

इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती को गुलाल अर्पित करना चाहिए। इसके अलावा जिन लोगों के जीवन में वैवाहिक समस्याएं आ रही हैं, उन्हें रंगभरी एकादशी के दिन माता गौरी को सोलह श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करनी चाहिए। इससे वैवाहिक जीवन के सभी दोष दूर होते हैं और जीवन में मधुरता आती है।

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ये है शुभ मुहूर्त

रंगभरी एकादशी पर भगवान शिव के साथ होली खेलने का सबसे शुभ समय दोपहर 3:31 बजे से शाम 5:46 बजे तक है। इसके अलावा शाम 6:01 बजे से 7:15 बजे तक का समय भी सबसे शुभ है।

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