India News (इंडिया न्यूज),Makar Sankranti:मकर संक्रांति सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाने वाला त्यौहार है, जो 14 जनवरी को पड़ता है।ऐसा माना जाता है कि इस त्यौहार से सर्दी जाने लगती है और फसलों की कटाई शुरू हो जाती है। भारत के अलग-अलग राज्यों में इस त्यौहार को खास तरीके से मनाया जाता है। इस दिन उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में खिचड़ी जैसे कई स्वादिष्ट व्यंजन खाए जाते हैं, जिनमें से एक दही और चूड़ा भी है।
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति को अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे पंजाब में लोहड़ी, तमिलनाडु में पोंगल और असम में बिहू आदि। उत्तर भारत में इसे खिचड़ी भी कहते हैं, क्योंकि इस दिन उड़द की दाल और चावल की खिचड़ी खाई जाती है। इस दिन गंगा में स्नान करने के बाद तिल की मिठाई बनाकर ब्राह्मणों को दान की जाती है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनिदेव से मिलने आते हैं।
दही चूड़ा खाने का महत्व
मकर संक्रांति पर दही चूड़ा खाना शुभ होता है, क्योंकि इसे पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। यह न केवल एक स्वादिष्ट व्यंजन है, बल्कि इसके सेवन के पीछे कई धार्मिक कारण भी हैं। कहा जाता है कि दही चूड़ा सूर्य देव का पसंदीदा प्रसाद है। इस दिन सूर्य देव को दही चूड़ा चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।मकर संक्रांति पर दही चूड़ा खाने से समृद्धि बढ़ती है और ग्रह दोष दूर होते हैं।
बनाने की विधि
दही चूड़ा बनाने की विधि आसान है, जिसमें चूड़ा को धोकर भिगोना होता है। इसके बाद दही को एक प्याले में निकाल कर अच्छी तरह फेंटना होता है।इसमें मिठास लाने के लिए आप चीनी, शहद या गुड़ का इस्तेमाल कर सकते हैं। जब चीनी अच्छी तरह घुल जाए, तो इसमें चूड़ा डालकर मिला लें।आप इसका स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें किशमिश, बादाम और काजू जैसे सूखे मेवे भी डाल सकते हैं।
स्वास्थ्य लाभ
धार्मिक महत्व होने के अलावा दही चूड़ा खाने के कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं। इस डिश की तासीर ठंडी होती है, जिसकी वजह से यह पेट के लिए फायदेमंद है।इसे खाने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है और इसमें मौजूद अच्छे बैक्टीरिया आंतों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।इसके साथ ही इस डिश को डाइट में शामिल करने से वजन घटाने में भी मदद मिलती है।
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