India News (इंडिया न्यूज), Hanuman Ji Mantra: हनुमान जी का नाम सुनते ही हमारे मन में साहस, शक्ति, भक्ति और संकटमोचन का अहसास होता है। हनुमान जी के पूजन से हमारे जीवन में शांति, समृद्धि और सुख-शांति का वास होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हनुमान जी के एक विशेष मंत्र का जाप करके आप अपने जीवन के सारे दुःख, दरिद्रता और संकट को टुकड़ों में काट सकते हैं? इस लेख में हम उसी मंत्र का महत्व, सही समय और उसके प्रभाव के बारे में विस्तार से जानेंगे।

हनुमान जी का प्रसिद्ध मंत्र

हनुमान जी की पूजा में सबसे प्रभावी मंत्रों में से एक है:

“ॐ हं हनुमते रुद्रात्मने स्वाहा”

यह मंत्र विशेष रूप से हनुमान जी की महिमा का प्रतिक है, जो उनके रुद्र रूप को आह्वान करता है। इस मंत्र का नियमित जाप करने से शरीर, मन और आत्मा में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सभी प्रकार के दुख समाप्त हो जाते हैं।

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इस मंत्र का प्रभाव

  1. दुःख और दरिद्रता का नाश: इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के जीवन से दरिद्रता और आर्थिक संकट दूर हो जाते हैं। हनुमान जी की कृपा से जीवन में समृद्धि का वास होता है।

  2. संकटों का नाश: हनुमान जी संकटों को दूर करने वाले देवता माने जाते हैं। इस मंत्र का जाप करने से कोई भी बड़ा संकट जीवन में आसानी से हल हो सकता है। यह मंत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो किसी कठिन परिस्थिति से गुजर रहे हैं।

  3. मानसिक शांति और शक्ति: हनुमान जी का जाप मानसिक शांति और स्थिरता लाता है। इससे आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और व्यक्ति अपने जीवन के हर कार्य में सफलता प्राप्त करता है।

  4. आध्यात्मिक उन्नति: इस मंत्र का जाप न केवल भौतिक समृद्धि बल्कि आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में भी महत्वपूर्ण होता है। यह मंत्र साधक को मानसिक रूप से सशक्त बनाता है और ईश्वर के प्रति भक्ति को प्रगाढ़ करता है।

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मंत्र जाप का सही समय

मंत्र जाप का समय भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना उसका सही उच्चारण। अगर आप इस मंत्र का प्रभावकारी रूप से जाप करना चाहते हैं तो निम्नलिखित समयों का पालन करें:

  1. प्रभात बेला (सुबह का समय): सुबह का समय सबसे उपयुक्त होता है जब वातावरण शुद्ध और शांत होता है। सूर्योदय के समय हनुमान जी का जाप करने से विशेष लाभ होता है।

  2. सांयकाल: दिन भर की थकावट के बाद सांयकाल का समय भी हनुमान जी के मंत्र जाप के लिए उत्तम माना जाता है। इस समय मन और शरीर शांति की आवश्यकता होती है और यह मंत्र उस शांति को प्रदान करता है।

  3. मंगलवार और शनिवार: हनुमान जी के व्रत और पूजा का दिन मंगलवार और शनिवार को विशेष रूप से माना जाता है। इस दिन मंत्र का जाप और भी अधिक प्रभावी होता है, क्योंकि यह दिन हनुमान जी के साथ जुड़ा हुआ है।

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मंत्र जाप की विधि

  1. स्नान और शुद्धता: मंत्र जाप शुरू करने से पहले स्नान करें और शुद्ध शरीर से इस मंत्र का जाप करें। यदि आप मंदिर में हैं, तो हनुमान जी के चरणों में दीपक जलाएं और फूल अर्पित करें।

  2. तुलसी की माला का प्रयोग: यदि माला का प्रयोग कर रहे हैं तो तुलसी की माला सबसे उत्तम मानी जाती है। इस माला से 108 बार मंत्र का जाप करें।

  3. ध्यान और मानसिक शांति: मंत्र का जाप करते वक्त आपका ध्यान पूरी तरह से हनुमान जी पर केंद्रित होना चाहिए। अपनी आँखें बंद करके मन को शांत रखें और पूरी श्रद्धा से मंत्र का उच्चारण करें।

  4. समान्य संख्या: 108 बार मंत्र का जाप पूर्ण करें। यदि समय की कमी हो, तो कम से कम 21 बार जाप करने से भी लाभ प्राप्त होता है।

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हनुमान जी के मंत्र का जाप न केवल हमें दुःख और दरिद्रता से मुक्ति दिलाता है, बल्कि जीवन को आनंद और शांति से भर देता है। जब हम नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करते हैं, तो हमारी भक्ति और श्रद्धा बढ़ती है और हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आने लगते हैं। अगर आप किसी कठिन समय से गुजर रहे हैं या मानसिक शांति की तलाश में हैं, तो यह मंत्र निश्चित रूप से आपके जीवन में बदलाव लाएगा।

आध्यात्मिक उन्नति और जीवन की समृद्धि के लिए इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करें और हनुमान जी की कृपा प्राप्त करें।

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