India News (इंडिया न्यूज), Anil Gochikar: हिंदु धर्म में चार धामों की यात्रा को काफी महत्व दिया गया है। इन चार धामों में से एक है पुरी के जगन्नाथ जी जिन्हे भगवान विष्णु का दूसरा रूप भी माना जाता है। ऐसी मान्यता है जो भगवान जगन्नाथ की दिल से सेवा करता है जगन्नाथ जी उसकी सारी मनोकामना पूरी करते हैं। मंदिर में सेवा करने वाले व्यक्ति को सेवायत या सेवादार कहा जाता है। सेवायतों को भगवान की निरंतर सेवा करने के लिए हमेशा फिट रहने के लिए कहा जाता है और इसके लिए उन्हें पारंपरिक रूप से प्रशिक्षित भी किया जाता है। भगवान जगन्नाथ के इन्हीं सेवायतों में से एक हैं अनिल गोचिकर, जिन्होंने हमेशा मंदिर में आने वाले लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है।

भगवान जगन्नाथ के अंगरक्षक

प्रतिहारी श्रेणी में आने वाले अनिल गोच्छिकर पुजारी और सेवायत होने के साथ-साथ बॉडीबिल्डर भी हैं। उनकी शारीरिक बनावट ऐसी है कि कोई उन्हें बाहुबली कहता है तो कोई उन्हें भगवान जगन्नाथ महाप्रभु का अंगरक्षक कहता है। अनिल उस परिवार के वंशज हैं जो पीढ़ियों से भगवान जगन्नाथ के अंगरक्षक रहे हैं। अनिल बॉडीबिल्डिंग के क्षेत्र में अपनी जगह पहले ही बना चुके थे और सोशल मीडिया ने उन्हें और भी लोकप्रिय बना दिया।

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मंदिर में हो चुके हैं 17 हमले

आपको बता दें कि श्री जगन्नाथपुरी मंदिर पर अब तक 17 बड़े हमले हो चुके हैं। हर बार यहां के पुजारियों ने मूर्तियों को छिपाकर उनकी रक्षा की है। अनिल उन्हीं पुजारियों के वंश से आते हैं। एक्टर और मॉडल की तरह स्मार्ट दिखने वाले अनिल कई बार मिस्टर ओडिशा और मिस्टर इंडिया का खिताब भी जीत चुके हैं। बेहद शानदार और आकर्षक बॉडी की वजह से उन्हें मिस्टर इंटरनेशनल इंडियन भी कहा जाता है। अनिल के बड़े भाई सुनील ने उन्हें बॉडी बिल्डिंग के लिए प्रेरित किया और बड़े भाई की सलाह पर ही वे इस मुकाम तक पहुंचे।

हर साल की तरह इस साल भी दोनों भाइयों ने मंगलवार को रथ यात्रा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रोफेशनल बॉडी बिल्डिंग छोड़ चुके सुनील को नियमित व्यायाम करना पसंद है। भगवान जगन्नाथ की सेवा में समर्पित दोनों भाइयों ने कहा कि दोनों को एक साथ देखना एक अद्भुत अनुभव था, वहीं रथ खींचने वाले सेवायतों के लिए यह एक दुर्लभ अवसर है। पूर्वजों ने मंदिर से मूर्तियां निकालकर भगवान जगन्नाथ की रक्षा की थी अनिल कहते हैं कि हमारे परिवार के लोग कई पीढ़ियों से महाप्रभु की सेवा करते आ रहे हैं।

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