India News (इंडिया न्यूज), Hanuman Chalisa: हनुमान चालीसा, तुलसीदास द्वारा रचित, भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र और प्रेरणादायक ग्रंथ है। यह न केवल हनुमान जी की महिमा का वर्णन करता है, बल्कि इसे पढ़ने और सुनने से जीवन के कष्ट भी दूर होते हैं। इस अद्भुत रचना के पीछे तुलसीदास जी की असाधारण भक्ति और संघर्ष की कहानी है। आइए इस लेख में जानें कि हनुमान चालीसा की रचना कैसे हुई।
हनुमान चालीसा लिखने की प्रेरणा:
कहा जाता है कि जब तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा की रचना शुरू की, तब उन्हें अनेकों कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। रात को जब वे चौपाई लिखते थे, तो सुबह होते-होते वह लिखावट गायब हो जाती थी। यह रहस्यमय घटना लगातार कई दिनों तक होती रही, जिससे तुलसीदास जी चिंतित और हताश हो गए।
हनुमान जी का सुमिरन और दर्शन:
तुलसीदास जी ने अपनी इस दुविधा का समाधान पाने के लिए हनुमान जी का सुमिरन किया। उनकी प्रबल भक्ति और निष्ठा के कारण बजरंगबली ने उन्हें दर्शन दिए। तुलसीदास ने अपनी समस्या हनुमान जी को बताई, तो हनुमान जी मुस्कुराए और कहा, “यदि प्रशंसा ही लिखनी है, तो मेरे प्रभु श्रीराम की लिखो, मेरी नहीं।” यह सुनकर तुलसीदास जी का मन स्थिर हो गया और उन्होंने प्रभु श्रीराम के चरणों की महिमा का वर्णन करते हुए हनुमान चालीसा की रचना प्रारंभ की।
हनुमान चालीसा की रचना का आरंभ: तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा की शुरुआत अयोध्या कांड के पहले दोहे से की:
श्रीगुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि। वरुॡण रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि।
इस दोहे में तुलसीदास जी ने अपने गुरु की चरण रज को अपने मन रूपी दर्पण को शुद्ध करने का माध्यम बताया। इसके बाद, उन्होंने हनुमान जी की शक्ति, भक्ति और सेवा भावना का वर्णन किया।
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हनुमान चालीसा का महत्व:
हनुमान चालीसा केवल एक स्तोत्र नहीं है, बल्कि यह भक्ति, साहस और समर्पण का प्रतीक है। इसे पढ़ने से भय, रोग, और जीवन की समस्याओं से मुक्ति मिलती है। यह मान्यता है कि जो व्यक्ति इसे श्रद्धापूर्वक पढ़ता है, उसके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
तुलसीदास जी ने अपनी भक्ति और हनुमान जी के आशीर्वाद से हनुमान चालीसा की रचना की, जो आज भी लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है। यह कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्चे समर्पण और विश्वास से हर समस्या का समाधान प्राप्त किया जा सकता है। हनुमान चालीसा न केवल एक धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि यह हमारे जीवन को शक्ति, भक्ति और सकारात्मकता से भर देता है।