India News (इंडिया न्यूज), Hanuman Jayanti 2025: हनुमान जयंती हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान हनुमान के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना करने से भक्तों को अद्भुत शक्ति, साहस और सफलता प्राप्त होती है। जब हनुमान जयंती शनिवार के दिन आती है, तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि यह शनि के प्रभाव को कम करने और जीवन में शांति और समृद्धि लाने में सहायक होता है।
इस दिन पंचमुखी हनुमानजी के स्वरूपों की पूजा विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है। पंचमुखी हनुमानजी के पांच मुख भिन्न दिशाओं और भिन्न शक्तियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। आइए, इन स्वरूपों और उनकी पूजा के लाभों को विस्तार से समझें।
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पंचमुखी हनुमानजी के पांच स्वरूप और उनके लाभ
1. पूर्वमुखी मुख (वानर स्वरूप)
- मुख का स्थान: पूर्व दिशा
- प्राप्त लाभ: यह मुख शत्रुओं पर विजय प्रदान करता है। यदि कोई व्यक्ति शत्रुओं से घिरा हुआ है या मुकदमेबाजी में उलझा है, तो इस मुख की पूजा से समस्याओं का समाधान होता है।
2. पश्चिममुखी मुख (गरुड़ स्वरूप)
- मुख का स्थान: पश्चिम दिशा
- प्राप्त लाभ: इस मुख की पूजा से जीवन में आने वाली कठिनाइयों और बीमारियों का नाश होता है। यह स्वरूप विशेष रूप से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को दूर करने में सहायक होता है।
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3. उत्तरमुखी मुख (वराह स्वरूप)
- मुख का स्थान: उत्तर दिशा
- प्राप्त लाभ: इस मुख की पूजा से दीर्घायु, यश और शक्ति प्राप्त होती है। यह स्वरूप कार्यक्षेत्र में सफलता और समाज में मान-सम्मान बढ़ाने में सहायक होता है।
4. दक्षिणमुखी मुख (नरसिंह स्वरूप)
- मुख का स्थान: दक्षिण दिशा
- प्राप्त लाभ: यह मुख भय और तनाव को समाप्त करता है। यदि कोई व्यक्ति मानसिक तनाव या असुरक्षा का अनुभव कर रहा है, तो इस मुख की पूजा से शांति मिलती है।
5. ऊपरमुखी मुख (अश्व स्वरूप)
- मुख का स्थान: ऊपर की दिशा
- प्राप्त लाभ: यह मुख इच्छाओं की पूर्ति करता है। यह स्वरूप भौतिक सुख-सुविधाओं और मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए पूजित किया जाता है।
पूजा की विधि
- स्थान का चयन: पंचमुखी हनुमानजी की तस्वीर या मूर्ति को घर की दक्षिण दिशा में स्थापित करें। दक्षिण दिशा में स्थित मूर्ति घर को नकारात्मक ऊर्जा से बचाती है।
- पूजन सामग्री:
- लाल फूल
- सिंदूर
- चमेली का तेल
- गुड़ और भुने चने का भोग
- पूजा प्रक्रिया:
- सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पंचमुखी हनुमानजी की मूर्ति पर सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं।
- उन्हें लाल फूल अर्पित करें और गुड़ व भुने चने का भोग लगाएं।
- धूप और दीप जलाएं।
- पाठ और भजन:
- इस दिन सुंदर कांड और हनुमान चालीसा का पाठ करना अत्यंत शुभ होता है। यह भगवान हनुमान की कृपा पाने का सर्वोत्तम माध्यम है।
पंचमुखी हनुमान की पूजा के लाभ
- शत्रु बाधा से मुक्ति
- स्वास्थ्य समस्याओं का निवारण
- दीर्घायु, यश और शक्ति की प्राप्ति
- मानसिक शांति और भय का नाश
- मनोकामनाओं की पूर्ति
विशेष टिप्स
- पूजा करते समय सच्चे मन से भगवान हनुमान का स्मरण करें।
- पूजा के बाद हनुमानजी के मंत्र “ॐ हनुमंते नमः” का 108 बार जाप करें।
- गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें।
हनुमान जयंती के इस पावन दिन पर पंचमुखी हनुमानजी की पूजा करके आप अपने जीवन की सभी समस्याओं को दूर कर सकते हैं और सुख-शांति प्राप्त कर सकते हैं। जय हनुमान!