India News (इंडिया न्यूज), CBSE Board Exam 2025: CBSE बोर्ड के सिलेबस में समय के साथ कुछ न कुछ बदलाव होते रहते हैं। अब से कुछ वर्षों पहले ही सीबीएसई बोर्ड ने कक्षा 10वीं के छात्रों को बेसिक और स्टैंडर्ड मैथ में से किसी एक किताब को चुनकर पढ़ने का ऑप्शन दिया था। स्टूडेंट्स के लिए अब एक और अच्छी खबर यह है कि, अब सीबीएसई में जल्द ही साइंस और सोशल साइंस में भी स्टैंडर्ड और एडवांस्ड में से किसी भी एक किताब को सेलेक्ट करने का ऑप्शन छात्रों को मिलेगा। बता दें कि सीबीएसई का यह बदलाव 9वीं और 10वीं क्लास के सिलेबस में अगले सेशन यानी 2026-27 से देखने को मिलेगा।
CBSE की करिकुलम कमेटी ने लिया बड़ा फैसला
दरअसल CBSE की करिकुलम कमेटी में इन दोनों विषयों के ऊपर स्पेशल 2 स्तरीय मीटिंग की गई थी, इस मीटिंग में ही साइंस और सोशल साइंस सब्जेक्ट को लेकर यह बड़ा फैसला किया गया है। लेकिन, अभी सीबीएसई बोर्ड की गवर्निंग बॉडी ही इस फैसले को फाइनल करेगी। बदलाव के फ्रेमवर्क को लेकर भी पहले एक प्लान तैयार किया जाएगा। प्लानिंग में दोनों सब्जेक्ट्स के सिलेबस और एग्जाम से जुड़ी सारी जानकारी पर ध्यान दिया जाएगा।
NCERT बना रहा नई किताबें
इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, सीबीएसई बोर्ड अभी एनसीईआरटी की नई किताबों के इंतजार में है। 9वीं और 10वीं की साइंस और सोशल साइंस की जो नई किताबें तैयार की जा रही हैं वे नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के अनुसार तैयार हो रही हैं। नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने कक्षा 1 और 2 को साल 2023 में ही नया सिलेबस तैयार करके दिया है। इसके अलावा कक्षा 3 व 6 की किताबें NCERT ने इसी वर्ष तैयार करके रिलीज की थीं। साल 2025 की शुरुआत में कुछ अन्य क्लासेस की किताबें पब्लिश करने की तैयारी है।
घटेगा पढ़ाई का प्रेशर
CBSE बोर्ड की 10वीं और 9वीं कक्षा में मैथ की दो किताबों में से स्टूडेंट्स को एक किताब पढ़ने का ऑप्शन दिया जाता है। इसी तरह से अब दोनों कक्षाओं में साइंस और सोशल साइंस के भी दो ऑप्शन दिए जाने का फैसला राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) को देखते हुए लिया गया है। नई शिक्षा नीति में यह बात साफ शब्दों में कही गयी है कि, 10वीं और 9वीं कक्षा में सभी विषयों को 2 लेवल पर स्टूडेंट्स के सामने ऑफर कर सकते हैं। इससे स्टूडेंट्स के पास सभी विषयों को लेकर दो ऑप्शन होंगे वे जिस सब्जेक्ट को चाहें स्टैंडर्ड लेवल पर और दूसरे सब्जेक्ट्स को एडवांस्ड लेवल पर पढ़ सकते हैं। इससे छात्रों पर पढ़ाई का ज्यादा प्रेशर नहीं होगा और इससे कोचिंग कल्चर भी कम होगा।