International Poverty Eradication Day : अंतरराष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस 17 अक्टूबर को हर साल मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य दुनिया में गरीबी दूर करने के किए जा रहे प्रयासों के संबंध में जागरूकता बढ़ाना है। इस दिवस पर विभिन्न प्रकार के विकास कार्य और योजनाओं को जारी किया जाता है।
बता दें भारत अभी भी गरीबी की मार से आगे नहीं बढ़ सका है। संयुक्त राष्ट्र की ओर से 22 दिसंबर 1992 को आज ही के दिन अंतरराष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस मनाने की घोषणा की गई थी। सबसे पहली बार यह दिवस 1987 में फ्रांस में मनाया गया था। इस दौरान करीब एक लाख लोगों ने मानव अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर अतिरिक्त गरीबी से लड़ाई और सत्त विकास की मांग की थी।
अन्य देशों के मुकाबले भारत के हालात (International Poverty Eradication Day)
15 अक्टूबर को वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2021 जारी किया गया। वहीं 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है और 17 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस मनाया जाता है। देखा जाए तो दोनों दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य एक ही है, भुखमरी और गरीबी को खत्म करना। लेकिन हाल ही में 15 अक्टूबर को वैश्विक भुखमरी की रिपोर्ट ने भारत को अचंभित कर दिया।
वैश्विक भुखमरी सूचकांक में भारत 116 देशों में से 101वें स्थान पर रहा। साल 2020 में 107 देशों में भारत 94वें स्थान पर था। साल 2021 में भारत अपने पड़ोसी देश नेपाल, पाकिस्तान और बांग्लादेश से भी पीछे है। हालांकि यह रैंकिंग जारी करने के बाद भारत भी स्तब्ध हो गया। (International Poverty Eradication Day)
रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा, “यह चौंकाने वाला है कि वैश्विक भूख रिपोर्ट 2021 ने कुपोषित आबादी के अनुपात पर एफएओ के अनुमान के आधार पर भारत के रैंक को कम कर दिया है, जो जमीनी वास्तविकता और तथ्यों से रहित और गंभीर कार्यप्रणाली मुद्दों से ग्रस्त पाया जाता है। (International Poverty Eradication Day)
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