India News (इंडिया न्यूज), Medical Courses After 12th Without NEET: मेडिकल फील्ड में करियर बनाना आज भी लाखों छात्रों का सपना होता है। हालांकि, NEET परीक्षा की कठिनाई और सीमित सीटों के कारण हर छात्र मेडिकल कॉलेज में प्रवेश नहीं ले पाता। लेकिन चिंता की बात नहीं है, क्योंकि 12वीं के बाद ऐसे कई मेडिकल कोर्स उपलब्ध हैं, जिनमें NEET की आवश्यकता नहीं होती। ये कोर्स न केवल एक उज्जवल करियर का रास्ता खोलते हैं, बल्कि आपको उच्च वेतन वाली नौकरियों के अवसर भी प्रदान करते हैं। आइए, इन विकल्पों पर विस्तार से चर्चा करें।
1. बीएससी नर्सिंग (B.Sc Nursing)
नर्सिंग हेल्थकेयर सिस्टम का महत्वपूर्ण हिस्सा है। नर्सें डॉक्टरों की सहायता करती हैं और मरीजों की देखभाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उनका कार्य सर्जरी में डॉक्टरों का सहयोग करना, मरीजों की स्थिति पर निगरानी रखना और दवाइयों का सही तरीके से प्रबंधन करना होता है।
वर्क प्लेस:
- अस्पताल
- क्लिनिक
- नर्सिंग होम
- रिहैब सेंटर
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
सैलरी: एक रजिस्टर्ड नर्स शुरुआत में 2.5 लाख से 6 लाख रुपये सालाना तक कमा सकती है। विदेशों में काम करने के अवसर भी मिलते हैं, जहां सैलरी और अधिक होती है।
2. बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी (BPT)
फिजियोथेरेपिस्ट मरीजों को चोटों और मांसपेशी विकारों से उबरने में मदद करते हैं। वे मरीजों के लिए विशेष व्यायाम योजनाएं तैयार करते हैं ताकि उनकी गतिशीलता बेहतर हो और दर्द कम हो सके।
वर्क प्लेस:
- स्कूल
- अस्पताल
- क्लिनिक
- स्पोर्ट्स सेंटर
- रिहैबिलिटेशन सेंटर
सैलरी: भारत में एक फिजियोथेरेपिस्ट की शुरुआती सैलरी 3 लाख से 5 लाख रुपये सालाना होती है। अनुभव के साथ यह सैलरी और बढ़ सकती है।
3. बैचलर ऑफ फार्मेसी (B.Pharm)
फार्मासिस्ट्स डॉक्टरों द्वारा लिखी गई दवाइयों को मरीजों तक पहुंचाने और उनके उपयोग से संबंधित सलाह देने का काम करते हैं।
वर्क प्लेस:
- अस्पताल
- फार्मेसी
- हेल्थकेयर सेंटर
सैलरी: शुरुआती सैलरी 4 लाख से 6 लाख रुपये सालाना होती है। अनुभव और विशेषज्ञता के साथ यह सैलरी और बढ़ती है।
4. बैचलर ऑफ मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी (BMLT)
मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट्स विभिन्न प्रकार के मेडिकल टेस्ट करते हैं, जिससे डॉक्टर बीमारियों का सही इलाज कर सकें। वे ब्लड, यूरिन और अन्य शारीरिक तरल पदार्थों की जांच कर रिपोर्ट तैयार करते हैं।
वर्क प्लेस:
- अस्पताल
- क्लिनिक
- डायग्नोस्टिक लैब
- रिसर्च सेंटर
- फार्मा कंपनियां
सैलरी: प्रारंभिक सैलरी 4.5 लाख से 6.5 लाख रुपये सालाना होती है। अनुभव के साथ यह 9 से 12 लाख या उससे अधिक तक बढ़ सकती है।
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5. साइकोलॉजी (BA/B.Sc/M.Sc)
साइकोलॉजिस्ट मानसिक बीमारियों जैसे डिप्रेशन, एंग्जायटी और बाइपोलर डिसऑर्डर का इलाज करते हैं। वे मानसिक स्वास्थ्य सुधारने के लिए मरीजों और उनके परिवारों की काउंसलिंग करते हैं।
वर्क प्लेस:
- अस्पताल
- प्राइवेट क्लिनिक
- स्कूल और कॉलेज
- काउंसलिंग सेंटर
- रिसर्च सेंटर
सैलरी: भारत में एक साइकोलॉजिस्ट की सैलरी 5 लाख से 15 लाख रुपये सालाना तक हो सकती है। अनुभव और विशेषज्ञता के आधार पर यह और बढ़ती है।
NEET परीक्षा पास करना आवश्यक नहीं है यदि आप मेडिकल फील्ड में करियर बनाना चाहते हैं। नर्सिंग, फिजियोथेरेपी, फार्मेसी, मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी और साइकोलॉजी जैसे कोर्स आपके लिए एक उज्जवल भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। इन कोर्सों में विशेषज्ञता प्राप्त करके न केवल आप हेल्थकेयर सिस्टम का महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकते हैं, बल्कि समाज की सेवा करते हुए अच्छा वेतन भी प्राप्त कर सकते हैं।