UGC Release new national credit framework 2023: नई शिक्षा नीति लागू होते ही बहुत कुछ बदलने लगा है। पहले जहां हमारे वेद-पुराण सिर्फ गुरुकुल तक ही सीमित थे। या यूं कहें कि जिन्हें इन सबका ज्ञान था वो किसी उपयोग में नहीं था। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा सोमवार को जारी नए राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क (एनसीआरएफ) पर फाइनल रिपोर्ट के अनुसार, छात्र अब वेद-पुराण, मीमांसा, धर्मशास्त्र, ज्योतिष सहित वेदांग आदि भारतीय ज्ञान परंपरा के अन्य आयामों में विशेष ज्ञान के लिए क्रेडिट हासिल कर सकेंगे।

एनसीआरएफ दिशा निर्देशों का पालन स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों द्वारा क्रेडिट सिस्टम को अपनाने के लिए किया जाता है। यह पहली बार संपूर्ण स्कूली शिक्षा प्रणाली को क्रेडिट के दायरे में लाता है।अब तक,केवल राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान ही क्रेडिट प्रणाली का पालन करते थे।

यूजीसी ने 10 अप्रैल को जारी नोटिस में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में सामान्य शिक्षा एवं व्यवसायिक शिक्षा के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने पर जोर दिया गया है। भारत सरकार द्वारा गठित राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (NCVET) के अध्यक्ष निर्मलजीत सिंह कलसी की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने राष्ट्रीय क्रेडिट ढांचा रिपोर्ट तैयार की है। नोटिस के साथ राष्ट्रीय क्रेडिट ढांचा रिपोर्ट को अटैच करते हुए सभी उच्च शैक्षणिक संस्थानों से इसे लागू करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया गया है।

बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में ही इस फ्रेमवर्क का ड्राफ्ट लॉन्च किया गया था जिसे स्कूल सिस्टम को क्रेडिट के अंदर लाने की बात थी। इस फ्रेमवर्क के अंतर्गत स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा और वोकेशनल एजुकेशन में मिले क्रेडिट को एकीकृत करने का प्रावधान किया गया है। कक्षा 5 से पीएचडी तक पढ़ाई के घंटों के अनुसार क्रेडिट दिए जाएंगे। जानकारी के मुताबिक एक क्रेडिट के लिए कुल पढ़ाई के 30 घंटे होंगे।

फ्रेमवर्क में 64 कलाओं और विद्याओं को किया गया शामिल

केवल किताबी विषयों से ही क्रेडिट नहीं मिलेंगे बल्कि लैब वर्क, इनोवेशन लैब, स्पोर्ट्स, योग, व्यायाम, पफॉर्मिंग आर्ट्स, म्यूजिक, हस्तशिल्प, सोशल वर्क, एनसीसी आदि से भी क्रेडिट पाया जा सकता है। वहीं इस फ्रेमवर्क में इंडियन नॉलेज सिस्टम (IKS) को स्पेशल अचीवर्स के तहत रखा गया है। फाइनल दस्तावेजों में 18 विद्याओं जिन्हें थ्योरी आधारित विषय कहा जा सकता है और 64 कलाओं (अप्लाइड साइंस) को जगह दी गई है।रिपोर्ट में कहा गया है, “कुछ भी नहीं छोड़ा गया है. कक्षा के बाहर सीखने, खेल, योग, शारीरिक गतिविधियों, प्रदर्शन कला, हस्तशिल्प भी मूल्यांकन फ्रेमवर्क का हिस्सा होंगे।

भारतीय परम्परा को मिलेगा बढ़ावा

रिपोर्ट के तहत खेल के क्षेत्र में नेशनल/फेडेरेशन गेम्स, नेशनल चैम्पियनशिप, कॉमनवेल्थ/एशियाई चैम्पियनशिप, एशियाड, वर्ल्ड चैम्पियनशिप, वर्ल्ड कप, ओलंपिक गेम्स आदि विशेष उपलब्धि हासिल करने वाले प्रतियोगी शामिल हैं। इस सूची में मंचीय कला के क्षेत्र में नृत्य नाटिका, संगीत, भारतीय शास्त्रीय संगीत के अलावा पारंपरिक कला कौशल हासिल करने वाले तथा शिक्षा, पर्यावरण, स्वास्थ्य सेवा आदि के क्षेत्र में उत्कृष्ट सामाजिक सेवा करने वाले लोग शामिल हैं। इसमें इनोवेशन एवं स्टार्टअप व्यवस्था के तहत कृषि एवं ग्रामीण विकास में स्वदेशी प्रौद्योगिकी के विकास में खास विशेषज्ञता रखने वाले शामिल हैं।

इसे यूजीसी द्वारा पिछले साल लॉन्च किए गए एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (एबीसी) के माध्यम से संचालित किया जाएगा, जो अभी तक केवल उच्च शिक्षा के लिए था। एबीसी छात्रों द्वारा प्राप्त क्रेडिट के डिजिटल रूप में काम करता है। एनसीआरएफ को केंद्र द्वारा गठित एक उच्च स्तरीय समिति द्वारा बनाया गया है। जिसमें एआईसीटीई, यूजीसी, एनसीवीईटी, एनआईओएस, सीबीएसई, एनसीईआरटी, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय, डीजीटी और कौशल विकास मंत्रालय सहित सभी प्रमुख हितधारकों के सदस्य शामिल हैं।

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