India News (इंडिया न्यूज),  Abhishek Bachchan Birthday: बॉलीवुड अभिनेता अभिषेक बच्चन आज अपना 49वां जन्मदिन मना रहे हैं। महानायक अमिताभ बच्चन के बेटे होने के बावजूद अभिषेक ने अपने करियर में वह मुकाम हासिल नहीं किया, जिसकी उनसे उम्मीद की जाती थी। हालांकि, उन्होंने खुद को साबित करने के लिए हर संभव प्रयास किया। जहां एक ओर उनकी फिल्में ‘गुरु’, ‘युवा’ और ‘धूम’ जैसी हिट रहीं, वहीं दूसरी ओर कई फ्लॉप फिल्मों का भी सामना करना पड़ा। अभिषेक चाहते तो पिता के नाम का सहारा लेकर अपने करियर को आसान बना सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। शुरुआती दो साल उन्होंने काम की तलाश में बिताए, लेकिन कभी भी पिता से सिफारिश नहीं करवाई। इस दौरान उन्होंने कई अहम फैसले लिए, जिनका असर न सिर्फ उनके करियर पर पड़ा बल्कि उनकी निजी जिंदगी पर भी हुआ। उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनके कुछ ऐसे फैसलों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने उनके जीवन को पूरी तरह बदल दिया।

पिता की मदद के लिए छोड़ी पढ़ाई

अमेरिका के बोस्टन में पढ़ाई कर रहे अभिषेक ने तब अपनी शिक्षा बीच में छोड़ दी, जब उनके पिता अमिताभ बच्चन का करियर बेहद खराब दौर से गुजर रहा था। परिवार की स्थिति देखकर वे भारत लौट आए। घर लौटकर उन्होंने पिता से कहा, “मैं आ गया हूं, अब जो भी मदद करनी होगी, मैं तैयार हूं।” अमिताभ बच्चन ने उन्हें फिल्म मेजर साहब (1997) में बतौर प्रोडक्शन बॉय काम दे दिया। यहां उनका काम चाय बनाना, लाइट्स सेट करना और सितारों को जगाना था। लेकिन इस फिल्म के बाद भी उनके पास कोई काम नहीं था। करीब एक साल तक उन्होंने संघर्ष किया और काम के लिए भटकते रहे, लेकिन किसी निर्माता-निर्देशक ने उन्हें मौका नहीं दिया।

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पहली फिल्म का ऑफर पिता के कहने पर ठुकराया

अभिषेक बच्चन की पहली फिल्म रिफ्यूजी (2000) थी, लेकिन इससे पहले उन्हें राकेश ओमप्रकाश मेहरा की समझौता एक्सप्रेस ऑफर हुई थी। यह फिल्म उन्हें तब मिली, जब कोई भी निर्माता उन्हें कास्ट करने के लिए तैयार नहीं था। फिल्म में उन्हें एक पाकिस्तानी आतंकवादी का किरदार निभाना था। अमिताभ बच्चन से जब अभिषेक और राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने इस फिल्म पर राय मांगी, तो उन्होंने साफ कह दिया, “बकवास स्क्रिप्ट है, इसे मत करो।” पिता के इस सुझाव के बाद अभिषेक ने फिल्म करने से मना कर दिया।

17 फ्लॉप फिल्मों के बाद छोड़ना चाहते थे एक्टिंग

अभिषेक ने साल 2000 से 2004 तक लगातार 20 फिल्मों में काम किया, जिनमें से 17 बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप हो गईं। आलोचकों ने उन्हें फ्लॉप हीरो का तमगा दे दिया। इससे वो इतनी बुरी तरह प्रभावित हो गए कि उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री छोड़ने का मन बना लिया। लेकिन पिता अमिताभ बच्चन ने उन्हें समझाया और आगे बढ़ने की सलाह दी। इसके बाद अभिषेक ने धूम (2004) में अली के किरदार से शानदार वापसी की, जिसने उन्हें इंडस्ट्री में एक नई पहचान दी।

मां के कहने पर करिश्मा कपूर से तोड़ी सगाई

अभिषेक बच्चन और करिश्मा कपूर की पहली मुलाकात श्वेता बच्चन की शादी में हुई थी। धीरे-धीरे दोनों करीब आए और परिवार ने भी इस रिश्ते को मंजूरी दे दी। अमिताभ बच्चन के 60वें जन्मदिन पर जया बच्चन ने आधिकारिक रूप से उनकी सगाई की घोषणा भी कर दी। लेकिन यह रिश्ता ज्यादा समय तक नहीं चला। खबरों के मुताबिक, जया बच्चन चाहती थीं कि शादी के बाद करिश्मा फिल्मों से दूरी बना लें, जबकि उनकी मां बबीता इसके लिए तैयार नहीं थीं। इसी मतभेद के चलते दोनों की सगाई टूट गई। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार करिश्मा के बाद अभिषेक का नाम रानी मुखर्जी से भी जुड़ा, लेकिन जया बच्चन को उनका बड़बोलापन पसंद नहीं था। उन्होंने बेटे को इस रिश्ते से दूर रहने की सलाह दी, जिसे अभिषेक ने माना।

पिता के नाम का नहीं किया इस्तेमाल

बॉलीवुड में 25 साल से ज्यादा समय बिताने के बावजूद अभिषेक बच्चन को हमेशा अमिताभ बच्चन के बेटे के रूप में देखा गया। लेकिन उन्होंने कभी भी अपने पिता के नाम का इस्तेमाल कर फिल्में नहीं मांगी। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, “अगर मैं पापा के नाम का इस्तेमाल करता तो खुद को धोखा देता। मैं लोगों के पास सिर्फ अपने नाम और काम के दम पर जाता था। अगर मैंने पिता का नाम लिया होता, तो शायद रास्ते आसान हो जाते, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया।” अभिषेक ने यह भी साफ किया कि अमिताभ बच्चन ने उनके लिए कभी किसी निर्माता को फोन तक नहीं किया। इसके उलट, उन्होंने खुद अपने पिता के लिए पा (2009) जैसी फिल्म प्रोड्यूस की।

‘बच्चन’ सरनेम का बढ़ा दबाव

अभिषेक मानते हैं कि “बच्चन” सरनेम उनके लिए गौरव है, लेकिन इसके साथ एक बड़ी जिम्मेदारी भी आती है। उन्होंने कहा था, “यह नाम मेरे दादाजी और पिताजी की मेहनत से ऊंचाई तक पहुंचा है। इसे संभालना आसान नहीं है। मैं अपनी पूरी कोशिश करता हूं कि इस नाम की गरिमा बनाए रखूं।” हालांकि, इंडस्ट्री में उन्हें हमेशा अमिताभ बच्चन से तुलना की जाती रही, जिससे निकलने के लिए उन्होंने काफी मेहनत की। उनकी ओटीटी पर रिलीज हुई वेब सीरीज ब्रीद, इंटू द शैडोज़ और फिल्म दसवीं को सराहा गया, जिससे यह साफ हुआ कि वे एक अच्छे अभिनेता हैं, जिन्हें सही अवसर की तलाश है।

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