India News (इंडिया न्यूज), Anurag Kashyap: फिल्ममेकर और जाने-माने एक्टर अनुराग कश्यप ने अनंत महादेवन की जीवनी पर बनी फिल्म ‘फुले’ के विरोध पर कड़ी चिंता व्यक्त की है। प्रतीक गांधी और पत्रलेखा की इस मूवी को जातिवाद को बढ़ावा देने के लिए विरोध का सामना करना पड़ रहा है। केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने निर्माताओं से फिल्म में जातिगत संदर्भों को हटाने के लिए कहा है, जिसके कारण 25 अप्रैल को रिलीज होने से पहले फिल्म में बदलाव करने पड़े। सीबीएफसी के निर्देशानुसार, निर्माताओं ने फिल्म से कई जातिगत संदर्भों को हटा दिया, जिसमें ‘महार’, ‘मांग’, ‘पेशवाई’ और ‘मनु की जाति व्यवस्था’ जैसे शब्द शामिल हैं।
क्यों भड़के अनुराग कश्यप?
सीबीएफसी के फैसले पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कश्यप ने अपनी इंस्टा स्टोरी पर लिखा, “पंजाब 95, तीस, धड़क 2, फुले – मुझे नहीं पता कि इस जातिवादी, क्षेत्रवादी, नस्लवादी एजेंडे को उजागर करने वाली कितनी अन्य फिल्में ब्लॉक की गई हैं। हमारे नेताओं ने जाति व्यवस्था को खत्म कर दिया है।” यह फिल्म अपने ट्रेलर के रिलीज होने के बाद से ही विवादों में है। इससे पहले फिल्ममेकर अनुभव सिन्हा ने भी सोशल मीडिया पर फिल्म सेंसरशिप पर सवाल उठाए थे।
डायरेक्टर ने क्या लिखा?
‘थप्पड़’ के डायरेक्टर ने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा, “क्या समाज में जाति व्यवस्था नहीं है? क्या यह कभी अस्तित्व में नहीं थी? हम खुद से झूठ क्यों बोलें। आखिर चुनाव आयोग भाषणों में जिस तरह की सामग्री की अनुमति देता है और सीबीएफसी फिल्मों में जिस तरह की सामग्री की अनुमति देता है – ये दो अलग-अलग मानक नहीं हो सकते। दोनों ही समाज से संवाद करने का एक माध्यम हैं।”