India News (इंडिया न्यूज), Anurag Kashyap Controversy: फिल्म निर्माता और जाने-माने अभिनेता अनुराग कश्यप को ब्राह्मणों पर दिया विवादित बयान इतना भारी पड़ गया कि, उनके खिलाफ आधी फिल्म इंडस्ट्री खड़ी हो गई है। बढ़ते विवाद को देखते हुए अब अनुराग कश्यप ने मामले में एक लम्बा चौड़ा पोस्ट कर माफी मांग ली है। ब्राह्मण समाज ने इस मामले को लेकर खूब विरोध जताया है। अपनी टिप्पणी के बाद बाद से उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। अब अनुराग कश्यप ने माफी मांगी है।
अनुराग कश्यप ने पोस्ट कर माफी मांगी
अनुराग कश्यप ने लिखा, ‘मैं गुस्से में किसी को जवाब देते हुए अपनी मर्यादा भूल गया। और पूरे ब्राह्मण समाज को बुरा-भला कह दिया। वो समाज, जिसके कई लोग मेरी जिंदगी में रहे हैं, आज भी हैं और बहुत योगदान देते हैं। आज वो सभी मुझसे आहत हैं। कई बुद्धिजीवी, जिनका मैं सम्मान करता हूं, उस गुस्से में मेरे बोलने के तरीके से आहत हैं। ऐसी बातें कहकर मैं खुद ही विषय से भटक गया।’ अनुराग ने आगे लिखा, ‘मैं तहे दिल से माफी मांगता हूं। इस समाज से, जिनसे मैं ये नहीं कहना चाहता था, लेकिन गुस्से में किसी की खराब टिप्पणी का जवाब देते हुए मैंने ये लिख दिया। मैं अपने सभी सहकर्मियों से, अपने परिवार से और उफास समुदाय से, अपने परिवार और उस समाज से अपने बोलने के तरीके और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के लिए माफ़ी मांगता हूं। अब मैं ऐसा दोबारा न होने देने पर काम करूंगा। मैं अपने गुस्से पर काम करूंगा। और अगर मुझे मुद्दे पर बात करनी पड़ी तो मैं सही शब्दों का इस्तेमाल करूंगा। मुझे उम्मीद है कि आप मुझे माफ़ करेंगे।’
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ये है पूरा मामला?
दरअसल, हाल ही में एक फिल्म फुले रिलीज होने वाली थी। लेकिन जातिवाद को बढ़ावा देने के कारण यह फिल्म रिलीज नहीं हो पाई। इसके बाद अनुराग कश्यप ने सोशल मीडिया पर सेंसर बोर्ड और ब्राह्मण समुदाय को लेकर कई आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं। इसके बाद अनुराग को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। लेखक मनोज मुंतशिर भी उनसे काफी नाराज हुए थे। उन्होंने अनुराग को हद में रहने को कहा था।
इस बयान को लेकर अनुराग निशाने पर
फिल्म फुले से जुड़े विवाद पर अनुराग कश्यप ने लिखा था, ‘धड़क 2 की स्क्रीनिंग में सेंसर बोर्ड ने कहा कि मोदी जी ने भारत से जाति व्यवस्था को खत्म कर दिया है। इसी आधार पर संतोष को भी भारत में रिलीज नहीं किया गया। अब ब्राह्मणों को फुले से दिक्कत है। भैया, जब जाति व्यवस्था ही नहीं है तो फिर ब्राह्मण कैसा। तुम कौन हो? क्यों गुस्से में जल रहे हो?