India News (इंडिया न्यूज), Anurag Kashyap Phule Controversy: बॉलीवुड फिल्म ‘फुले’ का हाल ही में रिलीज हुआ ट्रेलर न सिर्फ दर्शकों के बीच चर्चा का विषय बन गया है, बल्कि इसने जातिगत बहस भी छेड़ दी है। समाज सुधारक ज्योतिबा फुले के जीवन पर आधारित इस फिल्म के ट्रेलर ने ब्राह्मण और दलित समुदायों के बीच तीखी बहस को जन्म दे दिया है। इस विवाद में सबसे पहले कूदने वाले मशहूर फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप थे, जिनके बयान ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी।
समाज सुधारक ज्योतिबा फुले पर बनी फिल्म
फिल्म ‘फुले’ का निर्देशन निर्देशक अनंत महादेवन ने किया है और यह 19वीं सदी के समाज सुधारक ज्योतिबा फुले के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने महिलाओं की शिक्षा और समाज में जातिगत भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। ट्रेलर सामने आते ही महाराष्ट्र के कुछ ब्राह्मण संगठनों ने इस पर आपत्ति जताई और आरोप लगाया कि फिल्म में ब्राह्मणों को गलत तरीके से पेश किया गया है। विरोध को देखते हुए फिल्म की रिलीज डेट आगे बढ़ा दी गई।
सोशल मीडिया पर भड़के अनुराग कश्यप
इस फैसले के बाद अनुराग कश्यप ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा, “मेरे जीवन का पहला नाटक ज्योतिबा और सावित्रीबाई फुले पर था। भाई अगर इस देश में जातिवाद नहीं होता तो उन्हें लड़ने की क्या जरूरत थी? अब इन ब्राह्मण लोगों को शर्म आ रही है या शर्म से मर रहे हैं या ऐसे भारत में रह रहे हैं जो सिर्फ ब्राह्मणों का है। कोई समझाए- यहां असली मूर्ख कौन है?”
विवादित कमेंट पर खौला लोगों का खून
अनुराग की यह पोस्ट वायरल होते ही सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कई यूजर्स ने उन्हें उनके बयान के लिए घेरा, जिस पर अनुराग ने एक कमेंट का जवाब देते हुए लिखा, “मैं ब्राह्मणों पर पेशाब करता हूं।” इस विवादित कमेंट के बाद अनुराग कश्यप एक बार फिर सुर्खियों में हैं और ब्राह्मण समुदाय द्वारा उनका जमकर विरोध किया जा रहा है। विवाद बढ़ता देख भी अनुराग पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। वह लगातार सोशल मीडिया पर जवाब दे रहे हैं और जातिगत असमानता के खिलाफ अपनी बात मजबूती से रख रहे हैं। फिल्म ‘फुले’ की कहानी जहां सामाजिक सुधार की बात करती है, वहीं इसके ट्रेलर ने एक बार फिर भारतीय समाज में गहरे छिपे जातिगत विभाजन को उजागर कर दिया है।