India News (इंडिया न्यूज), Asha Sachdev: 70 और 80 के दशक की फिल्मों की तरह उस दौर के कलाकारों की जिंदगी भी दर्शकों के बीच काफी दिलचस्पी का विषय थी। इन्हीं सितारों में से एक थीं आशा सचदेव, जिन्होंने अपने बोल्ड अंदाज और दमदार अभिनय से इंडस्ट्री में खास जगह बनाई। लेकिन गलत फिल्म चयन और निजी जिंदगी में आई त्रासदी ने उनके करियर और निजी जिंदगी दोनों को ही गहरा असर डाला। आशा सचदेव का जन्म 27 मई 1956 को हुआ था। उनका असली नाम नसीफा सुल्तान है और वह मुस्लिम धर्म से ताल्लुक रखती हैं। उनकी मां रजिया भी एक अभिनेत्री थीं, जबकि उनके पिता अहमद अली खान थे। माता-पिता के तलाक के बाद रजिया ने दूसरी शादी कर ली। आशा के सौतेले भाई अनवर हुसैन मशहूर प्लेबैक सिंगर रहे हैं और एक्टर अरशद वारसी भी उनके सौतेले भाई हैं।

बदल लिया था नाम

बॉलीवुड में एंट्री करने के बाद आशा ने अपना नाम बदलकर ‘आशा सचदेव’ रख लिया। उन्होंने ‘एजेंट विनोद’, ‘द बर्निंग ट्रेन’, ‘वो मिला नहीं’, ‘एक थी हसीना’ और ‘कव्वाली’ जैसी हिट फिल्मों में काम किया। उस समय वह बड़े सितारों की पसंदीदा अभिनेत्री थीं और विनोद खन्ना से लेकर अमिताभ बच्चन तक के साथ स्क्रीन शेयर कर चुकी थीं। हालांकि, 1972 में उन्होंने बी-ग्रेड फिल्म ‘बिंदिया और बंदूक’ में काम किया, जिसमें उनके बोल्ड सीन ने उन्हें विवादों में ला दिया। इस फिल्म के बाद उनकी छवि को नुकसान पहुंचा और कई बड़े निर्देशक उनके साथ काम करने से कतराने लगे। यह फैसला उनके करियर के लिए भारी साबित हुआ।

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क्यों कभी नहीं की शादी?

अपनी निजी जिंदगी की बात करें तो आशा ने कभी शादी नहीं की। 2018 में एक इंटरव्यू में उन्होंने खुलासा किया कि उनकी सगाई किशन लाल नाम के शख्स से हुई थी, लेकिन एक हादसे में उनकी मौत हो गई। इसके बाद आशा ने शादी न करने का फैसला किया और आज 68 साल की उम्र में भी वह सिंगल हैं। एक समय स्टारडम के शिखर पर रहीं आशा सचदेव का जीवन इस बात का उदाहरण है कि ग्लैमर की दुनिया में एक गलत कदम किस तरह करियर की दिशा बदल सकता है।

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