India News (इंडिया न्यूज), Court raps Ranveer Allahbadia: सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया को फटकार लगाई है। कोर्ट ने सोमवार को कहा कि ‘अश्लील भाषा को टैलेंट नहीं कहा जा सकता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की भी एक सीमा होती है।’ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में इलाहाबादिया ने कोर्ट से शो के प्रसारण पर रोक लगाने वाले आदेश को वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि उनके लिए 280 लोग काम करते हैं और यह शो उनकी आजीविका का साधन है। हालांकि, फटकार के बाद कोर्ट ने शो को शालीनता के साथ दिखाने की इजाजत दे दी।
क्या बोला कोर्ट?
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबादिया पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की अपनी सीमाएं हैं, साथ ही कहा कि अभद्र भाषा का इस्तेमाल करना हास्य नहीं है। पीठ ने कहा, “बॉलीवुड में हमारे पास कुछ बेहतरीन कॉमेडियन और हास्य लिखने के मामले में अच्छे लेखक हैं। इसमें रचनात्मकता का तत्व है।” SC ने आगे कहा, “मौलिक अधिकार भी कर्तव्यों के दिए जाते हैं। देश मौलिक अधिकारों का आनंद लेने की गारंटी देता है, लेकिन कुछ कर्तव्य भी हैं।”
ये शो अश्लील- तुषार मेहता
मामले में सरकार का पक्ष रखते हुए एडवोकेट जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्होंने जिज्ञासावश शो देखा। दरअसल, यह शो न केवल अश्लील है बल्कि इसमें विकृत मानसिकता है। अश्लीलता, फूहड़पन एक चीज है और विकृत सोच अलग।
अपील पर होगी सुनवाई- कोर्ट
इलाहाबादिया को जांच में शामिल होने के लिए असम सरकार के जांच अधिकारी को तारीख और समय तय करने को कहा गया है। विदेश जाने की इलाहाबादिया की मांग पर कोर्ट ने कहा कि उनकी अपील पर सुनवाई होगी, लेकिन उससे पहले उन्हें जांच में शामिल होना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी पर रोक जारी रहेगी और ऐसा कोई भी शो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नहीं दिखाया जा सकता, जिससे इस केस की मेरिट प्रभावित हो।
देश से बाहर जाने पर लगी रोक
इससे पहले सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि उनके दिमाग में गंदगी भरी हुई है। ऐसे व्यक्ति से हम क्या दलील सुनें। कोर्ट ने कहा, ”जिस विकृत मानसिकता का परिचय दिया गया है, उससे पूरा समाज शर्मिंदा होगा।” कोर्ट ने आदेश दिया है कि रणवीर बिना इजाजत के देश से बाहर नहीं जा सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने उनका पासपोर्ट जब्त करने का आदेश दिया।