India News (इंडिया न्यूज़), Ratan Tata Last Rite: 9 अक्टूबर, 2024 को, 20 से अधिक वर्षों तक टाटा समूह के अध्यक्ष रहे रतन टाटा (Ratan Tata) का दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। पद्म विभूषण से सम्मानित रतन टाटा अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई में थे। उनका निधन भारत के सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक नेताओं में से एक के लिए एक युग का अंत है। बता दें कि रतन टाटा और टाटा समूह भारत में कई उद्योगों में शामिल थे। उनका समूह स्टील, खाद्य, विमानन और बहुत कुछ में शामिल था।

रतन टाटा के अंतिम दर्शन करने पहुंचे तमाम सेलेब्स

अब इसी बीच कई तमाम सेलेब्स रतन टाटा का अंतिम दर्शन के लिए पहुंच रहें हैं। अंबानी परिवार को रतन टाटा के पार्थिव शरीर के दर्शन करते देखा गया। इसके अलावा अमित शाह भी नजर आए।

बॉलीवुड के तमाम सेलेब्स भी रतन टाटा के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन करने लगातार पहुंच रहें हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल मुकेश अंबानी के साथ दिखाई दिए।

इस बीच एक्टर आमिर खान को इमोशनल होते देखा गया। इस दौरान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

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पारसी धर्म में अंतिम संस्कार कैसे होता है?

लेकिन क्या आप जानते हैं कि पारसी धर्म में अंतिम संस्कार कैसे होता है? जहां हिंदू शव का दाह संस्कार करते हैं और इस्लाम और ईसाई धर्म में शव को दफनाया जाता है, वहीं पारसी एक अनोखी प्रथा का पालन करते हैं, जहां मृतक को “टॉवर ऑफ़ साइलेंस” के ऊपर रखा जाता है, जिसे “दखमा” भी कहा जाता है, ताकि उसे आकाश में खुला छोड़ दिया जाए।

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वहां गिद्ध पार्थिव शरीर को खाते हैं। पारसी लोग शवदाह या दफ़न से बचते हैं क्योंकि वो मृतक के शरीर को अशुद्ध मानते हैं और मानते हैं कि इससे प्राकृतिक तत्व दूषित होते हैं। दाह संस्कार से इसलिए परहेज़ किया जाता है क्योंकि इससे अग्नि अपवित्र हो जाती है, जो पारसी धर्म में पवित्र है। इसी तरह, दफ़न का अभ्यास नहीं किया जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इससे धरती प्रदूषित होती है। अंत में, शवों को पानी में रखना वर्जित है क्योंकि इससे जल तत्व प्रदूषित होता है।