India News (इंडिया न्यूज), India-Pakistan Tension: भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार बढ़ते राजनीतिक तनाव का असर अब सीमाओं से निकलकर धर्म पर भी साफ दिखाई दे रहा है। भारत सरकार ने जब से पाकिस्तानी कलाकारों को भारत में बैन किया है तभी से वहां की एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को सदमे में हैं। एक तरह से कहा जाए तो भारतीय इंडस्ट्री ने पाक कलाकारों पर ‘मिसाइल अटैक’ कर दिया है। इससे फवाद खान, अली जफर, राहत फतेह अली खान और आतिफ असलम जैसे नामचीन सितारों की रोज़ी-रोटी पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। पाकिस्तानी कलाकारों को भारतीय फिल्म, टीवी और म्यूजिक प्रोजेक्ट्स से जो कमाई होती थी, वह अब पूरी तरह से बंद हो चुकी है। इससे पाकिस्तानी फिल्म इंडस्ट्री को भारी राजस्व घाटे का सामना करना पड़ रहा है। लंबे समय से पाकिस्तानी कलाकार भारतीय दर्शकों के बीच लोकप्रिय रहे हैं, लेकिन अब वह भी उनसे छिन गया है।
इंडस्ट्री ने बेहतर प्रदर्शन किया
पाकिस्तान की फिल्म इंडस्ट्री, जिसे ‘लॉलीवुड’ कहा जाता है, सीमित संसाधनों में भी 750 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई कर चुकी है। देश में सिर्फ 90 के करीब सिनेमाघरों के नेटवर्क के बावजूद इंडस्ट्री ने बेहतर प्रदर्शन किया। लेकिन भारतीय प्रोजेक्ट्स से मिलने वाला आर्थिक लाभ अब थम गया है। इस कारण इंडस्ट्री को आर्थिक झटके के साथ-साथ वैश्विक पहचान को भी नुकसान पहुंचेगा। भारतीय बाजार, जहां पाकिस्तानी गायक और अभिनेता एक बड़ी संख्या में सक्रिय थे, अब पूरी तरह से बंद हो चुका है। इससे पाकिस्तानी प्रोडक्शन हाउस और कलाकारों की आय के प्रमुख स्रोतों में से एक खत्म हो गया है।
ग्लोबल पहुंच पर भी असर
भारतीय प्लेटफॉर्म्स के जरिए पाकिस्तानी कंटेंट को अंतरराष्ट्रीय दर्शकों तक पहुंचने का रास्ता मिलता था। यह रास्ता अब बंद होने से पाकिस्तानी कलाकारों की ग्लोबल पहचान को भी धक्का लगा है। भारत और पाकिस्तान के बीच रचनात्मक सहयोग भी रुक गया है, जिससे नई और विविध परियोजनाओं का जन्म अब मुश्किल हो गया है। टीवी और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित होने वाले पाकिस्तानी शोज को भारत में अच्छा रिस्पॉन्स मिलता था, जिससे रॉयल्टी और वितरण राजस्व आता था। अब वह पूरी तरह बंद हो गया है। कई कलाकार जो भारत में काम कर रहे थे या करना चाहते थे, अब सीमित अवसरों में घिर गए हैं।
पाकिस्तान फिल्म इंडस्ट्री पर क्या बोले अली खान?
पाकिस्तानी अभिनेता अली खान, जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत भारत से की थी, ने खुद स्वीकार किया कि भारतीय इंडस्ट्री से उन्हें पहचान और सम्मान मिला। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में उन्हें दूसरे कलाकारों की तरह संघर्ष नहीं करना पड़ा क्योंकि शुरुआत भारत से हुई थी। जब उनसे भारत और पाकिस्तान की फिल्म इंडस्ट्री के फर्क के बारे में पूछा गया तो वे भावुक हो उठे। अली खान के अनुसार, “बजट से ज्यादा जरूरी है एक्सपोजर। पाकिस्तान में आज भी शूटिंग ढीले तरीके से होती है। जिस प्रोजेक्ट को 25 दिन में पूरा करना चाहिए, उसमें 50 दिन लग जाते हैं।”
पाकिस्तान फिल्म इंडस्ट्री का भविष्य धुंधला
अब सवाल यह है कि इन पाकिस्तानी कलाकारों के पास आगे क्या रास्ता है? सीमित घरेलू बाजार और अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंच में रुकावट के चलते उन्हें अब या तो संघर्ष करना होगा या फिर नए विकल्प तलाशने होंगे। भारत जैसे बड़े मंच से कटने के बाद पाकिस्तानी एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के लिए यह दौर निश्चित ही मुश्किलों से भरा साबित हो सकता है।