India News (इंडिया न्यूज), India’s Got Latent Controversy: मुंबई पुलिस के साइबर सेल ने कॉमेडियन और यूट्यूबर समय रैना की उस अपील को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बयान दर्ज कराने की अनुमति मांगी थी। “इंडियाज गॉट लेटेंट” शो से जुड़े विवाद के कारण यह मामला चर्चा में बना हुआ है। इस शो के दौरान यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया ने एक कंटेस्टेंट से अभद्र सवाल पूछा था, जिसे लेकर बड़ा बवाल खड़ा हो गया था।
समय रैना को जाना होगा थाने
समय रैना ने अपनी अपील में कहा था कि वह फिलहाल अमेरिका में हैं और व्यस्त कार्यक्रमों के चलते 17 मार्च से पहले भारत लौटना संभव नहीं है। हालांकि, महाराष्ट्र साइबर सेल ने इस अपील को नामंजूर कर दिया और उन्हें 18 फरवरी को थाने में आकर अपना बयान दर्ज कराने का आदेश दिया है।
NCW ने फिर तय की यूट्यूबर्स की सुनवाई
इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने भी सख्ती दिखाई है। आयोग ने पहले 17 फरवरी को सभी आरोपित यूट्यूबर्स को पेश होने के लिए कहा था, लेकिन कोई भी उपस्थित नहीं हुआ। इसके बाद रणवीर इलाहाबादिया ने सुरक्षा कारणों से 6 मार्च तक सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किया, जिसे स्वीकार कर लिया गया। इसी तरह, समय रैना और अपूर्वा मखीजा की सुनवाई के लिए भी 6 और 11 मार्च की तारीखें तय की गई हैं। वहीं, कुछ यूट्यूबर्स ने समन का जवाब नहीं दिया, जिन्हें 6 मार्च को दोबारा बुलाया गया है।
रणवीर इलाहाबादिया ने मांगी माफी
रणवीर इलाहाबादिया ने अपने बयान में अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांग ली थी। हालांकि, हाल ही में उन्होंने एक पोस्ट में दावा किया कि उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं, जिससे वह बेहद डरे हुए हैं। इस मामले को लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है और देशभर में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को एक साथ जोड़ने की अपील की है। शो को लेकर विवाद बढ़ने के बाद समय रैना ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि उन्होंने “इंडियाज गॉट लेटेंट” के सभी एपिसोड हटा दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन करना था और किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं।
क्या है आगे की कार्रवाई?
अब सभी आरोपितों को तय तारीखों पर जांच एजेंसियों के सामने पेश होना होगा। यदि समय रैना 18 फरवरी को नहीं आते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है। वहीं, NCW ने भी सभी यूट्यूबर्स से मामले में सहयोग करने की उम्मीद जताई है। इस विवाद ने यूट्यूब समुदाय के लिए एक नई चुनौती खड़ी कर दी है, जहां डिजिटल कंटेंट की सीमाएं और नैतिकता पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं।