India News (इंडिया न्यूज), Kangana Ranaut Emergency Controversy: बॉलीवुड में अपने काम से नाम बनाने वाली फेमस अभिनेत्री कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ रिलीज के बहुत बाद ही चर्चा में है। फिल्म ने अब एक फिर नया विवाद विवाद खड़ा कर दिया है। दरअसल, राइटर कुमी कपूर ने प्रोडक्शन हाउस मणिकर्णिका फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड और ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण तरीके से तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का बड़ा आरोप लगाया है। पीटीआई के मुताबिक, कुमी कपूर ने मणिकर्णिका फिल्म्स को कानूनी नोटिस भेजा है और दावा किया है कि कंगना रनौत के प्रोडक्शन हाउस ने अनुबंध का उल्लंघन किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि फिल्म की टीम ने उनके नाम का गलत इस्तेमाल किया है और दावा किया है कि फिल्म उनकी किताब ‘द इमरजेंसी: ए पर्सनल हिस्ट्री’ पर आधारित है।
लगाया ये बड़ा आरोप
कुमी कपूर ने कहा, ‘मेरी बेटी वकील है, इसलिए उसकी सलाह पर मैंने दो क्लॉज शामिल किए। निर्माताओं को फिल्म बनाने की पूरी कलात्मक स्वतंत्रता थी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं बदला जाना चाहिए जो सार्वजनिक रूप से उपलब्ध ऐतिहासिक तथ्यों के विपरीत हो।’
दो कानूनी नोटिस भेजे गए
उन्होंने कहा, ‘अनुबंध में यह भी कहा गया था कि लेखक के नाम और किताब का इस्तेमाल बिना लिखित सहमति के फिल्म के प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता। मैं उस समय गोवा में थी और मैंने फिल्म नहीं देखी थी, यह मानते हुए कि वे अनुबंध का पालन करेंगे। लेकिन वे अभी भी दावा कर रहे हैं कि फिल्म किताब पर आधारित है।’ लेखिका ने खुलासा किया कि उन्होंने दो नोटिस भेजे हैं, लेकिन अब तक न तो कंगना और न ही उनके प्रोडक्शन हाउस ने इसका जवाब दिया है।
तथ्यों से हुई छेड़खानी
कुमी कपूर के अनुसार, उन्हें अनुबंध पर हस्ताक्षर करते समय बताया गया था कि उनकी किताब में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर आधारित केवल एक विशेष अध्याय का ही फिल्म में संदर्भ दिया जाएगा। हालांकि, जब उन्होंने देखा कि फिल्म का शीर्षक उनकी किताब के नाम से काफी मिलता-जुलता है, तो वे चौंक गईं। कानूनी नोटिस में उन्होंने यह भी दावा किया कि कंगना रनौत की ‘इमरजेंसी’ में कई गलतियां हैं। कुमी कपूर ने कहा, ‘तथ्य यह है कि आपातकाल तब तक नहीं हटाया गया था, जब तक इंदिरा गांधी मार्च 1977 में आम चुनाव हार नहीं गईं।’
लेखिका ने की दी बड़ी डिमांड
कुमी कपूर ने फिल्म निर्माताओं के लापरवाह और गैरकानूनी व्यवहार के कारण अपनी प्रतिष्ठा, भावनात्मक और वित्तीय नुकसान के लिए तत्काल मुआवजे की मांग की है। उन्होंने नोटिस में कहा, ‘यदि आप अनुपालन करने में विफल रहते हैं, तो हमारे मुवक्किल को उनके अधिकारों के इस गंभीर उल्लंघन के लिए कानूनी कार्यवाही शुरू करने का अधिकार है।
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