India News (इंडिया न्यूज), Kangana Ranaut Emergency Movie: कंगना रनौत की लोकप्रिय फिल्म ‘इमरजेंसी’ को बांग्लादेश में बैन कर दिया गया है, जिससे फिल्म इंडस्ट्री और सियासी हलकों में हलचल मच गई है। यह फिल्म भारतीय इतिहास के एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील हिस्से, 1975 में लगाए गए आपातकाल, पर आधारित है। बांग्लादेश में इस फिल्म के बैन को भारत और बांग्लादेश के बीच हालिया बिगड़े हुए रिश्तों से जोड़कर देखा जा रहा है।
बांग्लादेश स्वतंत्रता संग्राम में भारतीय सेना की महत्वपूर्ण भूमिका
फिल्म में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में आपातकाल की स्थिति और भारतीय सेना की भूमिका को दिखाया गया है। विशेष रूप से, फिल्म में 1971 के बांग्लादेश स्वतंत्रता संग्राम में भारतीय सेना की महत्वपूर्ण भूमिका, इंदिरा गांधी की सरकार द्वारा शेख मुजीबुर्रहमान को दिया गया समर्थन और बाद में मुजीबुर्रहमान की हत्या के संदर्भ में घटनाएँ दिखाई गई हैं। मुजीबुर्रहमान को बांग्लादेश में ‘राष्ट्रपिता’ माना जाता है, और यह फिल्म उनके निधन की संवेदनशीलता से जुड़ी विवादों को भी सामने लाती है।
फिल्म पर बैन मौजूद राजनीतिक तनाव का परिणाम?
बांग्लादेश में फिल्म पर बैन लगाने का निर्णय इस फिल्म के कंटेंट से अधिक दोनों देशों के बीच मौजूद राजनीतिक तनाव का परिणाम माना जा रहा है। पिछले कुछ समय से भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में खटास आई हुई है और फिल्म पर ये बैन लगना इस बढ़ते तनाव की तरफ एक संकेत है। फिल्म की रिलीज के आसपास भारतीय फिल्मों के बांग्लादेश में दिखाए जाने में कमी भी देखी गई है, जो इस हालात को और स्पष्ट करता है।
कंगना की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं
कंगना रनौत के करियर की स्थिति भी इस बैन के बीच महत्वपूर्ण बन जाती है। पिछले कुछ वर्षों से कंगना की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हो पाई हैं। ऐसे में, ‘इमरजेंसी’ हिट रहे इसकी कंगना को जरुरत है। ताकि इससे उनके करियर को एक किक मिल सके। फिल्म में कंगना के साथ अनुपम खेर, महिमा चौधरी, श्रेयस तलपड़े और मिलिंद सोमन जैसे सितारे भी हैं, और इसका निर्देशन भी कंगना ने ही किया है। ‘इमरजेंसी’ 17 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है, और बांग्लादेश में इसके बैन होने से फिल्म की अंतरराष्ट्रीय रिलीज़ और भारतीय राजनीति पर भी प्रभाव पड़ सकता है।