India News (इंडिया न्यूज),  Mamta Kulkarni: बॉलीवुड की 90 के दशक की बोल्ड और चर्चित अदाकारा ममता कुलकर्णी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। सालों से फिल्मी दुनिया से दूर रहने के बाद, उन्होंने संन्यासी जीवन को अपनाया, और हाल ही में किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर पदवी हासिल की। लेकिन यह सफर ज्यादा लंबा नहीं चला और महज 7 दिनों के भीतर यह पदवी उनसे वापस ले ली गई। इस पूरे घटनाक्रम के बीच उनका पुराना बयान, जिसमें उन्होंने रेखा और श्रीदेवी को “कॉस्मेटिक ब्यूटी” कहा था, फिर से चर्चा में आ गया। अब, इस बयान पर खुद ममता कुलकर्णी ने चुप्पी तोड़ी है और अपना पक्ष रखा है।

रेखा-श्रीदेवी को लेकर दिया था बड़ा बयान

90 के दशक में ममता कुलकर्णी बॉलीवुड में एक चर्चित नाम थीं। उनकी खूबसूरती और बोल्ड अंदाज ने उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में खास पहचान दिलाई थी। लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया जब उनके एक बयान ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था। दरअसल, ममता ने कथित तौर पर कहा था, “रेखा और श्रीदेवी तो सिर्फ कॉस्मेटिक ब्यूटी हैं, असली खूबसूरती तो मुझमें है।” इस बयान को लेकर काफी हंगामा हुआ था, लेकिन अब सालों बाद ममता ने इस पर सफाई दी है। उन्होंने कहा, “उस वक्त एक मशहूर फिल्म मैगज़ीन ‘सिने ब्लिट्ज़’ में मेरा इंटरव्यू छपा था। उस इंटरव्यू में मेरे नाम से कुछ ऐसी बातें लिखी गईं, जो मैंने कभी नहीं कही थीं। वह पत्रकार, जिसने वह आर्टिकल लिखा था, उसकी उन एक्ट्रेसेस से नहीं बनती थी। वो उन्हें नीचा दिखाना चाहता था, लेकिन मेरी जुबान से कहलवाने की कोशिश की।” ममता आगे कहती हैं, “जब मुझे इस बारे में पता चला, तो मैंने तुरंत रेखा जी को फोन किया और कहा कि पांच दिन बाद ‘सिने ब्लिट्ज़’ में मेरा इंटरव्यू आने वाला है, लेकिन उसमें जो भी लिखा है, वो मैंने नहीं कहा है। वह मेरी बातें नहीं हैं।”

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महामंडलेश्वर बनने के बाद ममता के सामने खड़ा हुआ विवाद

बॉलीवुड छोड़ने के बाद ममता कुलकर्णी ने आध्यात्मिक जीवन अपना लिया था। हाल ही में उन्होंने किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर की पदवी ग्रहण की, लेकिन यह पदवी उन्हें सिर्फ सात दिनों के अंदर ही छोड़नी पड़ी। इस फैसले के पीछे क्या वजह थी? रिपोर्ट्स के मुताबिक, किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास और महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के बीच मतभेद चल रहे थे। अजय दास ने त्रिपाठी को हटाने की चेतावनी दी थी, जिसके जवाब में त्रिपाठी ने ममता को महामंडलेश्वर बना दिया। लेकिन इस फैसले का विरोध अखाड़े के कई अन्य सदस्यों ने किया, जिससे विवाद और बढ़ गया।

मैं कभी महामंडलेश्वर बनना नहीं चाहती थी- ममता

इस पूरे विवाद पर ममता कुलकर्णी ने खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, “मैंने 23 साल से कोई एडल्ट फिल्म नहीं देखी, मैंने पूरी तरह संन्यासी जीवन को अपनाया है। लेकिन सच यह है कि मैं कभी महामंडलेश्वर बनना ही नहीं चाहती थी।”
ममता ने आगे कहा, “मुझसे जबरदस्ती यह पदवी लेने के लिए कहा गया। मुझ पर आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने दबाव डाला था, इसलिए मुझे हामी भरनी पड़ी। लेकिन इस फैसले पर अखाड़े में ही कई लोगों की नाराजगी थी, और अंततः मेरी पदवी छीन ली गई।”

बाबा रामदेव और बागेश्वर धाम पर ममता का जवाब

महामंडलेश्वर बनने के बाद, बाबा रामदेव और बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भी इस फैसले पर सवाल उठाए थे। बाबा रामदेव ने कहा था, “कोई एक दिन में संत नहीं बन सकता। आजकल किसी को भी पकड़कर महामंडलेश्वर बना दिया जाता है।” इस पर ममता ने जवाब देते हुए कहा, “रामदेव को महाकाल और महाकाली से डरना चाहिए। जो सच होता है, उसे कोई बदल नहीं सकता।” वहीं, धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था कि “महामंडलेश्वर की पदवी उसी को दी जानी चाहिए, जिसमें संत का भाव हो।” इस पर ममता ने कहा, “धीरेंद्र शास्त्री की जितनी उम्र (25 साल) है, उतने साल मैंने तपस्या की है। मैं उन्हें यही कहूंगी कि अपने गुरु से पूछिए कि मैं कौन हूं और फिर चुपचाप बैठ जाइए।”

मैंने 10 करोड़ नहीं दिए- ममता कुलकर्णी

महामंडलेश्वर बनने के बाद यह भी अफवाह उड़ी कि ममता कुलकर्णी ने 10 करोड़ रुपये देकर यह पदवी हासिल की थी। इस पर भी उन्होंने खुलकर अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा, “मेरे पास 10 करोड़ क्या, 1 करोड़ भी नहीं है। मेरे सारे बैंक अकाउंट सीज हैं। मैंने केवल 2 लाख रुपये गुरु भेंट में दिए थे।”

अब क्या करेंगी ममता कुलकर्णी?

महामंडलेश्वर की पदवी छिन जाने के बाद ममता कुलकर्णी का अगला कदम क्या होगा, इस पर भी लोगों की निगाहें टिकी हैं। क्या वह राजनीति में कदम रखेंगी या फिर किसी और आध्यात्मिक संस्था से जुड़ेंगी? इस बारे में उन्होंने फिलहाल कोई संकेत नहीं दिया है। हालांकि, उन्होंने साफ कर दिया कि वह अब पूरी तरह से आध्यात्मिक जीवन में हैं और किसी भी तरह की ग़लतफहमी दूर करने के लिए समय-समय पर सामने आती रहेंगी।

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