India News (इंडिया न्यूज), Nushrratt Bharuccha: बॉलीवुड अभिनेत्री नुसरत भरूचा एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार वजह उनकी फिल्म नहीं बल्कि धर्म और पहनावे पर उनके बेबाक जवाब हैं। पॉडकास्ट इंटरव्यू के दौरान नुसरत ने ट्रोलिंग, आस्था और अपनी निजी जिंदगी के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने साफ कहा कि वह अपने कपड़ों या मान्यताओं के लिए किसी को कोई सफाई नहीं देती हैं और न ही खुद को किसी की सोच से प्रभावित होने देती हैं।
मंदिर जाने के लिए किया गया ट्रोल
पिछले कुछ समय से नुसरत को उनके पहनावे और मंदिर जाने जैसे मुद्दों को लेकर सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा था। अक्सर उन्हें मुस्लिम होने के बावजूद बिकिनी पहनने और मंदिर जाने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है। लेकिन नुसरत का कहना है कि वह इस तरह की नकारात्मक टिप्पणियों पर ध्यान नहीं देती हैं। उन्होंने कहा, “लोग कहते हैं कि वह किस तरह की मुस्लिम है, देखो वह क्या कपड़े पहनती है। लेकिन मुझे किसी और की राय से कोई फर्क नहीं पड़ता।” पॉडकास्ट होस्ट शुभांकर मिश्रा से बातचीत में नुसरत ने बताया कि उन्होंने अब इन चीजों को नजरअंदाज करना सीख लिया है। उन्होंने कहा कि वह ट्रोलिंग को कभी गंभीरता से नहीं लेती हैं और न ही उन्हें इन चीजों को हैंडल करने की जरूरत महसूस होती है।
धर्म और आस्था को लेकर क्या बोलीं एक्ट्रेस
नुसरत ने अपने धर्म और आस्था को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि प्रार्थना एक व्यक्ति की निजी भावना होती है और उन्होंने यह बात अपने परिवार से सीखी है। नुसरत बताती हैं कि उनके घर में हमेशा से यह माना जाता रहा है कि कोई भी पूजा या प्रार्थना जिससे मन को शांति मिले, उसे करना चाहिए- चाहे वह किसी भी धर्म का हो। उन्होंने बताया कि उन्होंने चर्च में ‘नोवेना’ प्रार्थना की है, मां संतोषी के 16 शुक्रवार को व्रत भी रखा है। इसके अलावा वह वैष्णो देवी, केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शन कर चुकी हैं। उनका मानना है कि जब आपको किसी जगह से सच्ची शांति मिलती है, तो आपको वहां जरूर जाना चाहिए- चाहे वह मंदिर हो, मस्जिद हो, गुरुद्वारा हो या चर्च हो।
आस्था का संबंध समाज के नियमों से नहीं- नुसरत
नुसरत ने बताया कि वह नमाज भी पढ़ती हैं और भविष्य में भी पढ़ती रहेंगी। उनका कहना है कि माना जाता है कि आस्था का संबंध समाज के नियमों से नहीं बल्कि दिल से होता है। नुसरत भरूचा का जन्म 17 मई 1985 को मुंबई के एक दाऊदी बोहरा मुस्लिम परिवार में हुआ था। वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं। उनके पिता तनवीर भरूचा एक बिजनेसमैन हैं, जबकि उनकी मां हाउसवाइफ हैं। उन्होंने महज 16 साल की उम्र में एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा और उनकी पहली फिल्म ‘मां संतोषी’ थी। नुसरत भरूचा की सोच आज के दौर में धार्मिक सहिष्णुता और आत्म अभिव्यक्ति की मिसाल बनती है।