India News (इंडिया न्यूज), Ram Gopal Varma: इंडस्ट्री के जाने- माने फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा को चेक बाउंस मामले में बड़ा कोर्ट से करारा झटका लगा है। कोर्ट ने मामले में निर्माता की ओर से दायर जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। साथ ही गैर जमानती वारंट भी जारी किया है। राम गोपाल वर्मा पर गिरफ्तारी का खतरा मंडरा रहा है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मुंबई की एक सत्र अदालत ने चेक बाउंस मामले में फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा की जेल की सजा को निलंबित करने की याचिका को खारिज कर दिया है और उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। इससे पहले 21 जनवरी को अंधेरी स्थित न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) वाई पी पुजारी ने इस मामले में राम गोपाल वर्मा को दोषी ठहराया था।
कोर्ट में पेश नहीं हुए राम गोपाल वर्मा
मजिस्ट्रेट ने फिल्म निर्माता को तीन महीने की सजा सुनाई थी। साथ ही उन्हें तीन महीने के भीतर शिकायतकर्ता को करीब 3.72 लाख रुपये देने का निर्देश दिया था। इसके बाद फिल्म निर्माता ने सजा को निलंबित करने की मांग करते हुए सत्र अदालत में अपील दायर की थी। हालांकि, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ए ए कुलकर्णी ने 4 मार्च को उनकी याचिका खारिज कर दी और फिल्म निर्माता के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया। अदालत ने यह फैसला राम गोपाल वर्मा के सुनवाई के दौरान अदालत में पेश नहीं होने पर लिया। अदालत ने निर्माता की जेल की सजा को निलंबित करने की याचिका को खारिज कर दिया।
मामले में अगली सुनवाई कब?
राम गोपाल वर्मा की ओर से उनके वकील दुरेंद्र केएच शर्मा ने अदालत में जमानत के लिए आवेदन किया था। वकील ने दो अलग-अलग आवेदन प्रस्तुत किए थे, एक जमानत के लिए और दूसरा सजा पर रोक लगाने के लिए। लेकिन वर्मा की अनुपस्थिति के कारण, इन दोनों याचिकाओं को अदालत ने खारिज कर दिया। अब इस मामले में अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी। इस दौरान निर्माता के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट के निष्पादन की रिपोर्ट भी पेश की जाएगी।
ये है पूरा मामला
यह मामला 2018 में महेशचंद्र मिश्रा के माध्यम से श्री नामक एक कंपनी द्वारा राम गोपाल वर्मा की फर्म के खिलाफ दायर शिकायत से शुरू हुआ, जिसमें आरोप लगाया गया था कि राम गोपाल वर्मा द्वारा जारी किया गया चेक कम राशि के कारण बाउंस हो गया था। जून 2022 में, निर्देशक को निजी मुचलका और 5000 रुपये की सुरक्षा जमा राशि जमा करने के बाद जमानत दे दी गई थी। मजिस्ट्रेट ने स्पष्ट किया कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 428 के तहत कोई ‘सेट-ऑफ’ नहीं होगा, क्योंकि राम गोपाल वर्मा मुकदमे के दौरान हिरासत में नहीं थे। कई सुनवाई और कानूनी कार्यवाही के बाद, अदालत ने फिल्म निर्माता के खिलाफ फैसला सुनाया और कहा कि आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।