India News (इंडिया न्यूज), Rohit Shetty Struggle: बॉलीवुड में एक्शन और कॉमेडी फिल्मों का जब भी जिक्र होता है, तो रोहित शेट्टी का नाम सबसे पहले आता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि करोड़ों की ब्लॉकबस्टर फिल्में देने वाले रोहित शेट्टी का सफर बेहद संघर्ष भरा रहा है? एक दौर ऐसा था जब उनके पास आने-जाने तक के पैसे नहीं होते थे और उन्होंने तब्बू की साड़ियां प्रेस करने से लेकर काजोल के स्पॉटबॉय तक का काम किया। आइए जानते हैं कैसे एक साधारण स्पॉटबॉय से वह बॉलीवुड के सबसे बड़े डायरेक्टर्स में से एक बने।
पिता के निधन के बाद शुरू हुआ संघर्ष
रोहित शेट्टी का जन्म एक फिल्मी परिवार में हुआ था। उनके पिता एम.बी. शेट्टी बॉलीवुड के मशहूर स्टंटमैन और विलेन थे, जबकि उनकी मां रत्ना फिल्मों में जूनियर आर्टिस्ट का काम करती थीं। हालांकि, जब रोहित सिर्फ 5 साल के थे, तब उनके पिता का निधन हो गया, जिसके बाद परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई। उनके पिता कोई संपत्ति छोड़कर नहीं गए थे, जिससे उनकी मां को छोटे-मोटे फिल्मी रोल करने पड़े। हालात इतने खराब हो गए कि उनका घर तक बिक गया और रोहित को अपनी नानी के घर दहिसर में रहना पड़ा।
35 रुपये बचाने के लिए पैदल जाते थे स्टूडियो
रोहित शेट्टी की पढ़ाई सांताक्रूज में हो रही थी, लेकिन दहिसर से वहां तक रोजाना जाने में काफी पैसे खर्च होते थे। धीरे-धीरे स्थिति ऐसी हो गई कि उन्हें पढ़ाई से ज्यादा कमाई की जरूरत महसूस होने लगी। उनकी बहन चंदा ने मशहूर निर्देशक कुक्कू कोहली से उनके लिए सिफारिश की, जिसके बाद उन्हें 35 रुपये रोजाना की मजदूरी पर काम मिल गया। उस समय कुक्कू कोहली अजय देवगन की पहली फिल्म फूल और कांटे बना रहे थे। रोहित शेट्टी उन 35 रुपये को बचाने के लिए मलाड से अंधेरी तक पैदल जाया करते थे।
तब्बू की साड़ियां प्रेस की, काजोल के स्पॉटबॉय बने
रोहित शेट्टी ने अपने संघर्ष के दिनों में कोई भी छोटा काम करने से परहेज नहीं किया। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि फिल्म हकीकत की शूटिंग के दौरान उन्होंने अभिनेत्री तब्बू की साड़ियां प्रेस करने का काम किया था। इसके अलावा, वह काजोल के स्पॉटबॉय भी रह चुके हैं। उन्होंने सुहाग फिल्म में अक्षय कुमार के बॉडी डबल का भी काम किया।
अमिताभ बच्चन से मांगी गई थी आर्थिक मदद
रोहित शेट्टी के संघर्ष के दिनों में हालात इतने खराब हो गए थे कि उनकी मां को बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन से आर्थिक मदद लेनी पड़ी। अमिताभ बच्चन, रोहित के पिता के अच्छे दोस्त थे, इसलिए उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के उनकी मदद की।
गोलमाल ने बदल दी किस्मत
कई सालों तक सहायक निर्देशक के तौर पर काम करने के बाद, रोहित शेट्टी को एक बड़ा मौका तब मिला जब लेखक नीरज वोरा उनके पास कॉमेडी फिल्म गोलमाल की कहानी लेकर आए। हालांकि, शुरुआत में रोहित इस फिल्म को बनाने के लिए राजी नहीं थे, लेकिन बाद में उन्होंने इसे निर्देशित किया और फिल्म जबरदस्त हिट रही। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक के बाद एक ब्लॉकबस्टर फिल्में दीं।
आज सुपरस्टार्स उनके इशारे पर काम करने को रहते हैं तैयार
रोहित शेट्टी की पहचान आज बॉलीवुड के सबसे सफल निर्देशकों में होती है। उनकी फिल्में हाई-ऑक्टेन एक्शन, शानदार कॉमेडी और मसाला एंटरटेनमेंट के लिए जानी जाती हैं। उनकी फिल्मों में सुपरस्टार्स हेलीकॉप्टर से कूदते हैं, कारें हवा में घूमती हैं और बड़े-बड़े एक्शन सीन्स देखने को मिलते हैं। यही कारण है कि दर्शक उनकी फिल्मों पर जमकर तालियां और सीटियां बजाते हैं।
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