India News(इंडिया न्यूज), Sonakshi Sinha On Not Converting: बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा और उनके पति जहीर इकबाल की शादी को 9 महीने हो चुके हैं, लेकिन यह रिश्ता अब भी चर्चा में बना हुआ है। सबसे ज्यादा सवाल इस बात पर उठे कि क्या शादी के बाद सोनाक्षी अपना धर्म बदलेंगी? अब इस मुद्दे पर खुद सोनाक्षी ने खुलकर बात की और बताया कि उनके रिश्ते में कभी धर्म बाधा नहीं बना।
स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत रचाई शाद
सोनाक्षी सिन्हा और जहीर इकबाल ने 7 साल तक एक-दूसरे को डेट करने के बाद 23 जून 2024 को शादी की थी। दोनों ने रजिस्टर मैरिज को चुना और स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी की, जिससे उन्हें धर्म बदलने की जरूरत नहीं पड़ी। सोनाक्षी के मुताबिक, “हमने कभी धर्म के बारे में सोचा ही नहीं। हम दो ऐसे लोग हैं जो एक-दूसरे से प्यार करते हैं और शादी करना चाहते थे। जहीर ने मुझ पर अपना धर्म नहीं थोपा और मैंने उन पर अपना नहीं।”
प्यार और सम्मान पर टिका है रिश्ता
सोनाक्षी ने अपने इंटरव्यू में बताया कि उनके और जहीर के बीच धर्म को लेकर कोई चर्चा कभी नहीं हुई। वे दोनों अपने-अपने धर्मों को मानते हैं और एक-दूसरे की संस्कृतियों का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा, “हमने कभी धर्म परिवर्तन के बारे में सोचा ही नहीं, क्योंकि हमारे लिए सबसे अहम चीज प्यार और आपसी सम्मान है।” सोनाक्षी के मुताबिक, “शादी का मतलब सिर्फ दो लोगों का साथ आना होता है।” यही वजह थी कि उन्होंने धर्म परिवर्तन का कोई फैसला नहीं लिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे अपने-अपने धार्मिक रीति-रिवाजों को निभाते हैं और यही आपसी समझ और सम्मान उनके रिश्ते को मजबूत बनाता है।
7 साल पुरानी डेटिंग डेट को चुना शादी के लिए
सोनाक्षी और जहीर ने अपनी शादी के लिए 23 जून की तारीख चुनी, क्योंकि इसी दिन 2017 में दोनों ने एक-दूसरे को डेट करना शुरू किया था। शादी के बाद उन्होंने अपने परिवार और करीबी दोस्तों के साथ शानदार जश्न भी मनाया। सोनाक्षी सिन्हा आखिरी बार हॉरर-कॉमेडी फिल्म ‘ककुड़ा’ में नजर आई थीं, जिसमें उनके साथ रितेश देशमुख और साकिब सलीम भी थे। अब वे जल्द ही ‘निकिता रॉय एंड द बुक ऑफ डार्कनेस’ में दिखाई देंगी, जिसमें परेश रावल और सुहैल नैयर भी अहम भूमिका में होंगे। सोनाक्षी सिन्हा और जहीर इकबाल की शादी भले ही सुर्खियों में रही हो, लेकिन उन्होंने साफ कर दिया कि उनका रिश्ता धर्म नहीं, बल्कि प्यार और आपसी सम्मान पर टिका हुआ है। दोनों अपनी-अपनी धार्मिक परंपराओं को मानते हैं और एक-दूसरे की संस्कृतियों को अपनाते हुए आगे बढ़ रहे हैं।