(इंडिया न्यूज़,Besharm Rang Controversy): बॉलीवुड के जाने-माने गीतकार, कवि और लेखक जावेद अख्तर पर हिंदी में लिखी गई और अंग्रेजी (दोनों) में अनूदित किताब ‘जादुनामा’ का सोमवार शाम को मुंबई के फाइव स्टार होटल में विमोचन किया गया।

खास बात यह है कि जावेद अख्तर पर लिखी गई इस किताब का विमोचन एक अन्य जाने-माने शायर, गीतकार और फिल्मकार गुलजार ने किया, जो वहां विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद थे।

इस खास मौके पर हिंदी में लिखे गए ‘जादुनामा’ के लेखक अरविंद मंडलोई, इसका अंग्रेजी में अनुवाद करने वाली रक्षंदा जलील भी मौजूद थीं। जावेद अख्तर और गुलजार की मौजूदगी को महसूस करने वालों में जावेद अख्तर की पत्नी शबाना आजमी, बेटा फरहान अख्तर और बहू शिबानी दांडेकर और बेटी जोया अख्तर शामिल थीं। इस मौके पर मौजूद अन्य सितारों में तब्बू, फराह खान, नंदिता दास, उर्मिला मातोंडकर, सयामी खेर, दिव्या दत्ता, राजकुमार हिरानी, दीया मिर्जा, इला अरुण, कंवलजीत, राहुल बोस, नीना गुप्ता, दीप्ति नवल
शामिल थे।

जादुनामा’ के लॉन्च पर, जावेद अख्तर और गुलज़ार ने भी अपनी दोस्ती के बारे में विस्तार से बात की, एक दूसरे के काव्य स्वभाव, एक दूसरे के अद्वितीय व्यक्तित्व और एक दूसरे के शानदार काम पर प्रकाश डाला। साथ ही दूसरे के लेखन के प्रशंसक होने की बात भी कही। दोनों ने हल्के-फुल्के अंदाज में एक-दूसरे के बारे में ऐसी मजेदार बातें बताईं कि वहां मौजूद सभी लोग बार-बार हंसने और हंसने पर मजबूर हो गए। इनमें से एक किस्सा जावेद अख्तर ने बताया कि कैसे लोग अक्सर उन्हें गुलजार समझ लेते हैं।

कार्यक्रम के अंत में जावेद अख्तर ने ‘पठान’ के गाने ‘बेशरम रंग’ को लेकर हुए विवाद पर एक सवाल के जवाब में कहा कि फिल्म को सेंसर करने का काम सेंसर बोर्ड करता है और ऐसे में एक जवाबदेह निकाय, एक केंद्रीय एजेंसी जैसे कि उसे अपना काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए। हमें उनके प्रमाणीकरण पर भरोसा करना चाहिए।