India News (इंडिया न्यूज़), Why Did People Call Irrfan Khan a Brahmin: बॉलीवुड एक्टर इरफान खान (Irrfan Khan) भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें आज भी हमारे जेहन में जिंदा हैं। बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक अपनी छाप छोड़ने वाले एक साधारण एक्टर अपनी आंखों से ही एक्टिंग कर लेते थे। उनकी सधी हुई एक्टिंग और गंभीर हाव-भाव का हर कोई दीवाना था। अपनी एक्टिंग से लोगों को दीवाना बनाने वाले इरफान हर मामले में अलग थे। शायद यही वजह है कि उन्हें जानने वालों को उनका अंदाज समझने में दिक्कत होती थी।
वो शुद्ध शाकाहारी थे
आपको बता दें कि पठान परिवार में जन्म लेने के बाद भी इरफान खान शुद्ध शाकाहारी थे। इरफान खान का पूरा नाम साहिबजादे इरफान अली खान है। इरफान खान के पिता का नाम जागीरदार खान था, जो टायर का कारोबार करते थे।
पठान परिवार में ब्राह्मण के रूप में जन्मे
पठान परिवार से होने के बावजूद इरफान खान ने कभी मांस नहीं खाया, वो शुद्ध शाकाहारी थे, जिसके कारण उनके पिता अक्सर उनका मजाक उड़ाते थे और कहते थे कि “वे पठान परिवार में ब्राह्मण के रूप में पैदा हुए हैं।”
जब पिता का निधन
इरफान खान के शुरुआती दिन बहुत कठिन थे। जब इरफान खान ने एनएसडी में एडमिशन लिया, तो उनके पिता का निधन हो गया और उन्होंने एनएसडी से प्राप्त फेलोशिप के माध्यम से अपना कोर्स पूरा किया।
परिवार वाले शादी के खिलाफ थे
इरफान की पत्नी सुतापा ने उनके संघर्ष के दिनों में उनका खूब साथ दिया। दोनों क्लासमेट थे, जिसके बाद दोनों में प्यार हुआ और फिर शादी कर ली। लेकिन, कहा जाता है कि सुतापा का परिवार इरफान खान से उनकी शादी के सख्त खिलाफ था।
हॉलीवुड फिल्मों में किया काम
आपको बता दें कि इरफान खान सिर्फ बॉलीवुड ही नहीं बल्कि हॉलीवुड में भी काफी एक्टिव थे। उन्होंने स्पाइडर मैन, जुरासिक वर्ल्ड और इनफर्नो जैसी हॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया है।
उन्हें अपने बच्चों की चिंता थी
दरअसल, 29 अप्रैल 2020 को न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर नामक खतरनाक बीमारी के चलते उनका निधन हो गया। हालांकि, इरफान खान अपनी आखिरी सांस तक इस बीमारी से जूझते रहे। इरफान जीना चाहते थे। अपनी पत्नी के लिए। अपने बच्चों के लिए। उन्हें इस बात की चिंता थी कि उनके बाद बच्चों का क्या होगा।
वह अपनी पत्नी से बहुत प्यार करते थे
अपनी पत्नी के बारे में बात करते हुए इरफान ने कहा कि सुतापा ने हमेशा उनका साथ दिया। उन्होंने उनकी देखभाल में कोई कसर नहीं छोड़ी। वह उनके लिए जीना चाहते थे।