India News(इंडिया न्यूज़),Haryana Congress: हरियाणा में एक बार फिर बीजेपी ने जीत दर्ज कर कांग्रेस को करारी मात दे दी है। जिसके बाद प्रदेश में केवल बीजेपी की और नायब सरकार की वाह वाई हो रही है। जी हाँ हरियाणा में विधानसभा चुनावों में जीत की हैट्रिक बनाने के छह महीने बाद ही भाजपा ने बुधवार को राज्य के निकाय चुनावों में पूर्ण बहुमत से जीत दर्ज की है। जी हाँ 10 सीटों में से भाजपा को 9 सीटें मिली हैं। वहीँ कांग्रेस का इस बार खाता भी नहीं खुला। जिसके बाद सवाल उठ रहे हैं कि कांग्रेस की हार के आखिर क्या कारण है। आज हम आपको इस खबर में कांग्रेस की हार के कारण बताने वाले हैं।

  • हरियाणा में लहराया भगवा
  • क्यों नहीं खुला कांग्रेस का खाता

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हरियाणा में लहराया भगवा

विधानसभा चुनाव के बाद हरियाणा में एक बार फिर भगवा झंडा लहराया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें हरियाणा निकाय चुनाव में बीजेपी ने जबरदस्त जीत हासिल की है। वहीँ दस में से नौ मेयर सीटें जीत लीं हैं। पांचों नगर परिषदों में भी भाजपा का भगवा झंडा लहराया है। इतना ही नहीं बीजेपी ने यहाँ के अध्यक्ष पद जीत लिए हैं। वहीँ 23 में से 8 पालिकाओं में उसे जीत हासिल हुई है, बाकी में निर्दलीय जीते हैं। कुल 38 शहरों में हुए निकाय चुनाव में उसने 22 में कब्जा कर लिया है। बाकी में निर्दलीय।

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क्यों नहीं खुला कांग्रेस का खाता

अब सवाल उठने लगे हैं कि हरियाणा के निकाय चुनाव में आखिर क्यों कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। तो बता दें, संगठन नहीं बना पाने की वजह से भी कांग्रेस को बड़ा नुक्सान हुआ है। जिसके चलते पहले लोकसभा, फिर विधानसभा और अब निकाय चुनावों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। वाहन दूसरी वजह ये है कि हरियाणा में कांग्रेस एकजुट नहीं हो पाई। कहीं न कहीं हरियाणा में कांग्रेस में अंदरूनी कलह जारी रही। वहीँ चुनावों के बीच प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया बदल दिए गए। इस दौरान प्रधान हटाने की चर्चा भी चलती रही।वहीँ सबसे बड़ी कमजोरी ये रही कि कोंग्रेस में नेता प्रतिपक्ष भी नहीं बन पाया। वहीँ इस बार निकाय चुनाव के लिए कांग्रेस ने प्रचार में ज्यादा दम नहीं लगाया। इस बार चुनाव प्रचार में केवल दीपेंद्र हुड्डा ही दिखाई दिए। भूपेंद्र हुड्डा, सांसद कुमारी सैलजा व रणदीप सुरजेवाला ने इस चुनाव में बिलकुल भी प्रचार नहीं किया। जिसके कारण कांग्रेस का बड़ा नुक्सान हुआ।

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