India News (इंडिया न्यूज), Bribery Case : प्रदेश में रिश्वतखोरी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे। आज एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने रिश्वत लेने के आरोप में रोहतक और कैथल में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिसमें रोहतक में सब-इंस्पेक्टर ने 50 हजार की रिश्वत गूगल पे के जरिए ली, वहीं कैथल में नगर परिषद के जेई और मैनेजर को 25 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया। Bribery Case
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Bribery Case : रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा
एसीबी, अम्बाला की टीम द्वारा आज आरोपी तरुण वर्मा जे.ई., नगर परिषद, कैथल को शिकायतकर्ता से 25,000/-रू. नकद बतौर रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों व सह आरोपी विशाल, मैनेजर/विशेषज्ञ सामाजिक लामबंदी और संस्थागत विकास SMID एवं प्रधान मंत्री आवास योजना, कैथल को दुर्गा स्वीट हाउस, करनाल रोड, कैथल से गिरफ्तार किया है तथा इस सम्बन्ध में अभियोग संख्या 13 दिनांक 31.3.2025, धारा 7 पी.सी.एक्ट 1988, थाना भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, अंबाला में दर्ज किया गया है। Bribery Case
Bribery Case : 50 हजार रुपये डिजिटल माध्यम यानी गूगल पे के जरिए ले लिए
रोहतक में एक सब-इंस्पेक्टर ने एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी, जिसमें से 50 हजार रुपये उसने डिजिटल माध्यम से यानी गूगल पे के जरिए ले लिए। यह एक नया ट्रेंड बनता जा रहा है, जहां भ्रष्ट अधिकारी अब नकद लेने के बजाय ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के जरिए रिश्वत स्वीकार कर रहे हैं ताकि पैसे की गिनती और रखरखाव से बचा जा सके। सूचना मिलते ही एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की रोहतक-हिसार टीम ने तत्काल कार्रवाई की और सब-इंस्पेक्टर को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
Bribery Case : डिजिटल ट्रांजैक्शन का रहता है पूरा रिकॉर्ड, शिकंजा कसना आसान
उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है। उल्लेखनीय है कि अब तक रिश्वतखोरी को नगद लेन-देन से जोड़कर देखा जाता था, लेकिन डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म जैसे गूगल पे और पेटीएम का दुरुपयोग बढ़ रहा है। साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि डिजिटल ट्रांजैक्शन का पूरा रिकॉर्ड रहता है, जिससे भ्रष्ट अधिकारियों पर शिकंजा कसना आसान हो सकता है। Bribery Case