प्रवीण वालिया, India News (इंडिया न्यूज़), CM on Holi Festival : होली का त्योहार देशभर में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। रंगों के बिना होली पर्व की कल्पना भी नहीं की जा सकती। हर कोई एक-दूसरे पर रंग डालकर एवं गुलाल लगाकर खुशी का इजहार करता है। लेकिन कई बार कैमिकलयुक्त गुलाल त्वचा को काफी नुकसान पहुंचाते हैं जो सभी के लिए काफी तकलीफदायक होता है।
CM on Holi Festival : एमएचयू के कुलसचिव से ज्यादा से ज्यादा हर्बल गुलाल बनाने का आह्वान
कई बार तो मर्ज इतना बढ़ जाता है कि लोगों को त्वचा रोग विशेषज्ञों के पास भी जाना पड़ जाता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने गेंदे की फूल पत्तियों से कई रंगों का हर्बल गुलाल तैयार किया है। एमएचयू द्वारा फूलों और फूल की पत्तियों से बनाए गए हर्बल गुलाल की तारीफ स्वयं मुख्यमंत्री नायब सैनी ने की।
उन्होंने एमएचयू के कुलसचिव सुरेश सैनी से ज्यादा से ज्यादा मात्रा में हर्बल गुलाल को बनाने को कहा है, जिससे लोगों को भी बिना कैमिकल वाला हर्बल गुलाल उपलब्ध हो। आपसी भाईचारे के प्रतीक होली पर्व में फूलों की महक भी शामिल हो। संभावना है कि शीघ्र ही फूलों के वास्तविक सुगंध और रंगों का गुलाल लोगों को उपलब्ध हो सकेगा।
होली के मौके पर हरियाणा वालों को नायब सरकार की तरफ से बड़ी सौगात, अब सफर करना होगा और भी आसान
ये बाेले करनाल के कुलपति प्रो. सुरेश मल्होत्रा
महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल के कुलपति प्रो. सुरेश मल्होत्रा ने बताया कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए भी एमएचयू तेजी से काम कर रहा है। हर्बल रंगों की ओर लोगों का रूझान ओर लोगों को कैमिकलयुक्त रंगों से बचाने के लिए एमएचयू के वैज्ञानिक फूलों ओर फूल पत्तियों से गुलाल बनाने पर शोध कर रहे है] लेकिन अभी एमएचयू ने होली पर्व को देखते हुए गेंदे के फूल और पत्तियों से हर्बल गुलाल तैयार किया है, जो कैमिकल रहित है।
सास के सामने जल गई थी ये बहू, Holi पर ससुराल में ना करें ये गलती, वरना तबाह हो जाएगा पूरा परिवार
… तो निश्चित तौर पर लोगों में हर्बल रंगों की ओर रूझान बढ़ेगा
कुलपति ने कहा कि प्राकृतिक रंगों से तैयार हर्बल लोगों को जब मिलेगा तो निश्चित तौर पर लोगों में हर्बल रंगों की ओर रूझान बढ़ेगा। लेकिन इसके लिए ज्यादा संसाधनों की जरुरत है। इसे देखते हुए एमएचयू द्वारा हर्बल रंगों की मांग पूरी करने के लिए इनका व्यापारीकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि खास बात ये कि हर्बल गुलाल से होली खेलने से पानी की बचत होगी। उन्होंने सभी प्रदेशवासियों को होली पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सभी हर्बल गुलाल से होली खेलें, पानी अनमोल हैं, इसे सहेजने की जरूरत है।
जहाँ जलकर खाक हुई थी होलिका, मिल गई वो पौराणिक जगह ; सतयुग से है संबंध