India News (इंडिया न्यूज़), Didar Singh Nalvi : कुरुक्षेत्र में हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमैंट कमेटी के हेड ऑफिस में बुधवार को नवनिर्वाचित मैंबरों की एक बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता प्रकाश सिंह साहूवाल ने की। बैठक में गत दिवस तदर्थ हरियाणा कमेटी की कार्यकारिणी समिति द्वारा चीफ सैकेटरी को सेवा मुकत करने एवं कर्मचारियों को दिशा-निर्देश देने के मामले पर विचार-विमर्श किया गया।
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए अकाल पंथक मोर्चा से जत्थेदार बलदेव सिंह कैमपुर, दीदार सिंह नलवी व प्रकाश सिंह साहूवाल ने कहा गत दिवस हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमैंट कमेटी (तदर्थ) के प्रधान जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध, जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल समेत 11 सदस्यीय कार्यकारिणी समिति केवल बतौर केयरटेकर सेवा निभा सकती है।
पदाधिकारियों के पास कार्यकारिणी समिति की बैठक का कोई अधिकार नहीं
पदाधिकारियों के पास न तो कार्यकारिणी समिति की बैठक का अधिकार है और न कोई कार्रवाई अथवा एजेंडा पास कर सकती है। इसके साथ ही चुनाव के उपरांत अब तदर्थ कमेटी के पास किसी को न सेवामुक्त करने का अधिकार है और न ही किसी का तबादला करने का। नवनिर्वाचित इन मेंबर साहिबान ने कहा कि चीफ सेक्रेटरी की नियुकित कार्यकारिणी समिति द्वारा दो साल के लिए की थी और अब उन्हें सेवा मुक्त करने का अधिकार भी कार्यकारिणी समिति के पास ही है और चुनाव के बाद अब तक हरियाणा कमेटी के नवनिर्वाचित सदस्यों का हॉऊस ही पूरा नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि चीफ सेकेटरी की सेवा पूरी तरह से चल रही हैं और उन्हें तदर्थ कमेटी द्वारा सेवा मुक्त करना गैर कानूनी व गैर अधिकारिक है। उन्होंने बताया कि आज की बैठक में चीफ सैकेटरी की सेवा निरंतर जारी रखने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया है, जबकि तदर्थ कमेटी द्वारा कर्मचारियों को दिशा-निर्देष देने की निंदा की गई।
दीदार सिंह नलवी ने कहा कि तदर्थ कमेटी की इस कार्रवाई के खिलाफ जिला उपायुकत कुरुक्षेत्र को लिखित में शिकायत दी जाएगी और इसके साथ ही इसके खिलाफ गुरुद्वारा न्यायिक आयोग में केस भी दायर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि तदर्थ कमेटी द्वारा 28 फरवरी को बुलाई गई कार्यकारिणी समिति की बैठक भी गैर कानूनी है, जिसके बारे में प्रशासन को सूचित किया जाएगा। इस बैठक में जत्थेदार बलदेव सिंह कैमपुर, प्रकाश सिंह साहूवाल, दीदार सिंह नलवी, इंदरजीत सिंह खोखर, बिंदर सिंह खालसा, कर्मजीत सिंह खालसा, सुखदेव सिंह, सुखजिंदर सिंह मसाना मौजूद रहे।