झज्जर के ढासा बॉर्डर पर पिछले 9 माह से बैठा था; सुबह अचानक बिगड़ी तबीयत, अस्पताल में उपचार के दौरान तोड़ा दम
इंडिया न्यूज, झज्जर:

कई माह से काले कृषि कानूनों का विरोध किया जा रहा है लेकिन सरकार के कान तक जूं नहीं रेंग रही। सैकड़ों किसान काल का ग्रास भी बन चुके हैं, वहीं शुक्रवार को भी एक किसान अपनी जान खो बैठा। जानकारी के अनुसार कृषि कानूनों के विरोध में ढासा बॉर्डर पर धरने पर एक बुजुर्ग किसान की मौत हो गई। बता दें कि किसान की सुबह अचानक तबीयत बिगड़ गई और बाद में फिर मौत हो गई। किसान नेताओं ने उन्हें क्रांतिकारी बताते हुए उसके शव पर किसान यूनियन का झंडा लपेटकर श्रद्धांजलि दी। बता दें कि झज्जर के ढासा बॉर्डर पर कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 9 माह से धरना चल रहा हैं। इस धरने में गांव दूबलधन के बुजुर्ग किसान 86 वर्षीय राजपाल कादियान शुरुआत से ही डटे हुए थे। शुक्रवार को तबीयत बिगड़ने पर चिकित्सकों ने किसान को मृत घोषित कर दिया।

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