India News (इंडिया न्यूज), Electricity Employees Will Go On Token Strike : ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (AIPEF) के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने कहा कि बिजली क्षेत्र के इंजीनियर और कर्मचारी 9 जुलाई को एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल करने जा रहे हैं। वे केंद्र और राज्य सरकारों की निजीकरण नीतियों, खास तौर पर उत्तर प्रदेश की बिजली वितरण कंपनियों के निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। Electricity Employees Will Go On Token Strike

Electricity Employees Will Go On Token Strike : कर्मचारी बड़ी संख्या में इसमें हिस्सा लेंगे

बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति ने 9 जुलाई को देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की है। समिति उत्तर प्रदेश में निजीकरण की प्रक्रिया को रोकने के लिए केंद्र के हस्तक्षेप की भी मांग कर रही है।

AIPEF के मीडिया सलाहकार वी के गुप्ता ने बताया कि पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ के बिजली क्षेत्र के कर्मचारी बड़ी संख्या में इसमें हिस्सा लेंगे। लखनऊ में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने बिजली के निजीकरण पर सवाल उठाए हैं। समिति का कहना है कि यही कारण है कि लाइन घाटे को 40% से घटाकर 15.54% करने के बावजूद निजीकरण किया जा रहा है। Electricity Employees Will Go On Token Strike

उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने का आरोप

उन्होंने सरकार पर उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है। कर्मचारियों ने निजीकरण के खिलाफ जेल भरो आंदोलन की चेतावनी दी है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निजीकरण के आक्रामक कदमों ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) को निशाना बनाया है, जिससे 27,000 कर्मचारियों और इंजीनियरों तथा 50,000 संविदा कर्मियों की नौकरियां खतरे में पड़ गई हैं। दुबे ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार यूपी डिस्कॉम में घाटे के भ्रामक आंकड़ों को सार्वजनिक करके पूर्वांचल और दक्षिणांचल डिस्कॉम के निजीकरण को तेजी से आगे बढ़ा रही है।

डिस्कॉम को बंद दरवाजों के पीछे नहीं सौंपा जा सकता

उन्होंने आगे कहा कि नियामक पारदर्शिता को दरकिनार करते हुए गुप्त प्रक्रिया के जरिए लाखों करोड़ की संपत्ति वाले डिस्कॉम को बंद दरवाजों के पीछे नहीं सौंपा जा सकता। उन्होंने निगम पर अनौपचारिक आपातकाल घोषित करके असहमति को दबाने का आरोप लगाया। महाराष्ट्र में बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों ने निजीकरण और सरकार की समानांतर बिजली लाइसेंसिंग नीति के खिलाफ 9 जुलाई को राज्यव्यापी हड़ताल की घोषणा की है, जो अडानी और टोरेंट पावर को सार्वजनिक बिजली वितरण क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति दे सकती है। Electricity Employees Will Go On Token Strike

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