प्रवीण वालिया-करनाल, India News (इंडिया न्यूज), Emergency Fighter Woman Honored In Delhi : करनाल में एक परिवार ऐसा भी हैं जिसके 11 सदस्यों ने आपातकाल के दौरान गिरफ्तारियां दीं। इस परिवार की एक महिला सदस्य को दिल्ली में सम्मानित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने चरण स्पर्श कर उनसे आशीर्वाद लिया। इस परिवार के बच्चों को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। यह बच्चे तीन साल से कम थे। यह परिवार हैं प्रवीण गुलाटी का परिवार। प्रवीण गुलाटी अब राधा स्वामी सत्संग के तहत व्यास में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उनके जहन में आज भी उस दौर की काली यादें बसी हुई हैंं। Emergency Fighter Woman Honored In Delhi
Emergency Fighter Woman Honored In Delhi : आपातकाल के वीर : जिनके हाथों पर सिगरेट से जलाने के निशान आज भी बाकी
उनके शरीर पर यातनाओं के निशान आज भी दर्ज हैं। उनके हाथ के पंजों पर सिगरेट से जलाने के निशान बने हुए हैं। अखंड भारत के विभाजन के दौर में पाकिस्तान में विभाजन की विभीषिका में उन्होंने अपने ताऊ को खोया। उनके पिता और उनका परिवार आरएसएस से अखंड भारत के दौर से जुड हुआ हैं। उनके परिवार के पूर्व सीएम मनोहर लाल के परिवार से गहरे संबंध थे। मनोहर लाल को संघ की शाखा में दिल्ली प्रवास के दौरान आगे लाने वाले वह थे। उनसे आपातकाल के दौर को लेकर बातचीत हुई। उन्होंने बताया कि आज भी वह लोग मानते हैं कि पाकिस्तान से जिंदा लौट कर आए तो वह आरएसएस के कारण ही आ पाए।
Emergency Fighter Woman Honored In Delhi : जिस समय आपातकाल लगा उस समय वह अठारह साल के थे
उन्होंने बताया कि जिस समय आपातकाल लगा उस समय वह अठारह साल के थे। संघ के स्वयंसेवक थे। वह दिल्ली के रानी बाग क्षेत्र में रहते थे। उस समय मनोहर लाल भी अपने चाचा के साथ शाखा में आते थे। उन्होंने बताया कि आरएसएस पर पावंदी जुलाई में लगी थी। उस समय वह पत्रक ले जाकर लोगों में बांटते थे। संघ के स्वयंसेवक साइक्लोस्टाइल से सूचना जन जन तक पहुंचाने के लिए पत्रक के माध्यम से बांटते थे। पुलिस ने उस समय उनको गिरफ्तार करने की योजना तक बनाई । उस समय सत्याग्रह करने की योजना भी बनी। उनको विदा करने के लिए उनका परिवार भी रानी बाग चौक पर पहुंचा। Emergency Fighter Woman Honored In Delhi
पुलिस ने उनके परिवार के 11 लोगों को गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेज दिया
उन्होंने वहां सत्याग्रह किया। वहां पर उत्साह में उनके परिवार की महिलाओं ने भी नारेबाजी की। पुलिस ने उनके परिवार के 11 लोगों को गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेज दिया। इनमें उनके पिता खजान सिंह गुलाटी, माता, श्रीमती सरस्वती देवी, बड़े भाई हरगोविंद गुलाटी, उनकी भाभी जनक गुलाटी, के साथ उनका ढाई साल का बेटा सुधीर उनकी बहन पुष्पा , सुमित्रा और संतोष को भी गिरफ्तार कर लिया। श्रीमती सुमित्रा के साथ उनकी बेटी अलका और संतोष के साथ उनकी बेटी अलका को भी जेल भेज दिया। उस समय जेल में राजमाता विजया राजे सिंधया और श्रीमती गायत्री देवी भी उसी जेल में थीं।
उनके हाथ सिगरेट से जलाए
जिन्होंने दूध की व्यवस्था बच्चों के लिए करवाई। उन्होंने बताया कि उनको भी यातनाएं भी दीं। उनके हाथ सिगरेट से जलाए। उनको यातना की कुर्सी पर बिठाया। उन्होंने बताया कि आज की पीढ़ी को आपातकाल की जानकारी होना चाहिए। श्रीमती इंदिरा गांधी ने अपनी सनक और कुर्सी बचाने के लिए सारे देश में कारागार बना दिया। 18 माह तक जेल में लोग रहे। उन्होंने बताया कि लोकतंत्र के असली रक्षक तो हम लोग हैं। जिन्होंने अपना बलिदान दिया। Emergency Fighter Woman Honored In Delhi