India News (इंडिया न्यूज), Mahmoodabad Case : ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट करने वाले अली खान महमूदाबाद की मुश्किले खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब हरियाणा सरकार ने इस मामले को लेकर एसआईटी बना ली है।
हरियाणा सरकार की तरफ से बुधवार 28 मई को सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उसने कोर्ट के आदेश के मुताबिक तीन आईपीएस अधिकारियों की एसआईटी बना दी है। वहीं अली खान महमूदाबाद की अंतरिम जमानत कोर्ट ने जारी रखी है।
कोर्ट के हरियाणा सरकार को निर्देष
कोर्ट ने हरियाणा सरकार से कहा है कि जांच को दो सोशल मीडिया पोस्ट तक ही सीमित रखा जाए। न ही डिवाइस जब्त करने या दूसरे पहलुओं की जांच करने की जरूरत है। कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट तैयार होने के बाद पहले सुप्रीम कोर्ट को दिखाई जाए और उसके बाद जुलाई में इस मामले पर सुनवाई होगी। कोर्ट ने अली खान पर रोक लगाई है कि वह पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कोई पोस्ट नहीं करेंगे।
जांच हुई, तो गलत संकेत जाएगा – कपिल सिब्बल
कोर्ट ने महमूदाबाद पर कुछ शर्तें लगाई हैं। महमूदाबाद ने उनसे छूट के लिए याचिका भी दायर की है। जस्टिस सूर्यकांत की बेंच मामले की सुनवाई कर रही थी। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट से अनुरोध किया कि अगर अली खान महमूदाबाद के खिलाफ इस तरह की जांच की जाती है तो इससे गलत संकेत जाएगा।
ऑपरेशन सिंदूर पर किया था विवादित पोस्ट
आपको बता दें कि अली खान महमूदाबाद अशोका यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट किया था। इसके बाद हंगामा मच गया और 18 मई को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। फिर सेशन कोर्ट ने उन्हें 27 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। हालांकि, उनके लिए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की, जहां से अली खान महमूदाबाद को अंतरिम जमानत मिल गई।
जमानत देते हुए कोर्ट ने उन्हें खूब फटकार भी लगाई और उनकी पोस्ट पर कहा कि इसे डॉग व्हिसलिंग कहते हैं और उन्होंने सस्ती लोकप्रियता के लिए ऐसा पोस्ट किया है। सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत ने प्रोफेसर से पूछा था कि देश में क्या माहौल है और वह ऐसी बातें क्यों लिख रहे हैं। वह ऐसी भाषा का भी इस्तेमाल कर सकते थे, जिससे किसी को ठेस न पहुंचे।