India News(इंडिया न्यूज), Haryana Goverment: शहर से लेकर गांव तक प्लान बनाकर काम करने वाली डी-प्लान योजना में महेंद्रगढ़ ऐसा जिला है, जिसने एक भी पैसा खर्च नहीं किया। जबकि महेंद्रगढ़ भी विकास की दृष्टि से पिछड़ा हुआ जिला है। इसके बावजूद यहां चालू वित्त वर्ष में इस योजना में विकास के नाम पर एक ईंट भी नहीं लगी है। वहीँ अब हरियाणा सरकार ने इस जिले को विकसित बनाने का संकल्प ले लिया है। महेंद्रगढ़ वालों को नायब सरकार ने नई सौगात दे दी है। दरअसल, महेंद्रगढ़ जिले को सरकार की तरफ से 14.54 करोड़ रुपए जारी किए गए थे।
- जानिए महेंद्रगढ़ के हाल
- फरीदाबाद है सबसे बेहतर
जानिए महेंद्रगढ़ के हाल
स्थानीय नेताओं से लेकर वहां के प्रशासनिक अधिकारी डीसी और एडीसी ने कभी इसे बेहतर बनाने का प्रयास नहीं किया। ऐसे में महेंद्रगढ़ जिला डी-प्लान योजना की रैंकिंग में आखिरी पायदान पर है। वहीँ दूसरे जिलों का हाल भी ज्यादा ठीक नहीं है। बुधवार तक 400 करोड़ रुपए में कुल 26.10 प्रतिशत पैसा ही खर्च हो पाया है। अब आनन-फानन में पैसा खर्च करने में अधिकारी जुटे हैं। क्योंकि सप्ताह भर पहले तक 84 करोड़ रुपए खर्च थे। लेकिन अब वित्त वर्ष का आखिरी समय है। इसलिए जल्दबाजी में पैसा खर्च किया जा रहा है।
POK पर क्या है भारत का प्लान? PM MODI के दूत ने कर दिया बड़ा खुलासा, पाकिस्तान में मचा हंगामा
फरीदाबाद है सबसे बेहतर
गुरुवार को कुल खर्च की राशि 26 प्रतिशत से ज्यादा यानी 104 करोड़ रुपए तक हो चुकी है। वहीँ 200 करोड़ रुपए का कट भी लग चुका है। ऐसे में मात्र 25-26 दिनों में 95 करोड़ रुपए खर्च करने की तैयारी हो चुकी है। योजना में सबसे बेहतर काम करने वाले जिलों में 77.89 प्रतिशत पैसा खर्च कर पहली रैंक पर फरीदाबाद जिला रहा है। नंबर-दो पर फरीदाबाद और तीसरे पर पानीपत जिला है। लेकिन ये जिले भी 50 प्रतिशत तक खर्च नहीं पहुंचा पाए हैं। हरियाणा के 50 प्रतिशत जिले डी-प्लान का 20 प्रतिशत पैसा भी खर्च नहीं कर सके हैं। सबसे फिसड्डी महेंद्रगढ़ जिला है। जबकि इसके बाद पलवल, झज्जर, चरखी दादरी, गुरुग्राम, हिसार, सिरसा, रोहतक, रेवाड़ी, भिवानी और अम्बाला जिले का नंबर है।
प्रवासी मजदूरों के लिए खुशखबरी! ‘बिहार प्रवासी कामगार’ APP लॉन्च, विकलांग को मिलेगी 1 लाख की मदद